
सावन में ऐसे होती है हर मनोकामना पूरी! भूलकर भी न करें ये काम नहीं तो...
भोपाल। सनातन धर्म के अनुसार सावन का महीना शिवजी की आराधना और उन्हें प्रसन्न करके मनचाहा वरदान पाने का होता है। ऐसे में कई लड़कियां मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए भी सावन के महीने में शिवजी का उपवास रखती हैं और वहीं कुछ महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए सावन के महीने में शिवजी के उपवास रखती हैं और शिवलिंग पर जल अर्पित करती हैं।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित रहता है। इस माह में विधि पूर्वक शिवजी की आराधना करने से, मनुष्य को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं।
उनके अनुसार इस माह में भगवान शिव के 'रुद्राभिषेक' का विशेष महत्त्व है। इसलिए इस माह में, खासतौर पर सोमवार के दिन 'रुद्राभिषेक' करने से शिव भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
अभिषेक कराने के बाद बेलपत्र, शमीपत्र, कुशा तथा दूब आदि से शिवजी को प्रसन्न करते हैं और अंत में भांग, धतूरा तथा श्रीफल भोलेनाथ को भोग के रूप में समर्पित किया जाता है।
सावन के सोमवार से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान शिव...
मान्यता है कि सावन महीने के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की अवश्य पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव के ध्यान से विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता है। यह व्रत भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए किए जाते हैं। व्रत में भगवान शिव का पूजन करके एक समय ही भोजन किया जाता है। साथ ही साथ गले में गौरी-शंकर रूद्राक्ष धारण करना भी शुभ माना जाता है।
सावन के महीने में शिवलिंग पर रोजाना जलाभिषेक अवश्य करें, जो व्यक्ति कभी भी शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाते हो, उसे सावन के महीने में शिवलिंग पर जल अवश्य चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में जलाभिषेक करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
भगवान शिव एक ऐसे देवता है, जो अपने भक्तों की भक्ति से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं परंतु वह क्रोध भी बहुत जल्दी हो जाते हैं। पंडित शर्मा कहते हैं कि इस सावन के महीने भगवान शिव को प्रसन्न तो करें, परंतु इन दिनों में कुछ कार्य खास तौर पर वर्जित हैं, अत: यह कार्य कदापि न करें। ऐसे कार्य करने वालों से भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं और इसका परिणाम व्यक्ति को भुगतना पड़ता है।
न करें ये कार्य...
- जो व्यक्ति मांस मदिरा आदि का सेवन करते हैं, उन्हें इस सावन के महीने में इसका त्याग कर देना चाहिए। सावन के महीने में इनका सेवन शिवजी को नाराज कर देने वाला रहता है।
- सावन के महीने में दूध का सेवन ना करें। जो व्यक्ति दूध का सेवन करता है, उन्हें सावन के महीने में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। सावन के महीने में भगवान शिव को दूध से अभिषेक कराया जाता है, इसलिए दूध का सेवन भी सावन के महीने में नहीं करना चाहिए।
दरअसल इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण जो बताया जाता है उसके अनुसार कि इन दिनों कई तरह के जहरीले पौधे पैदा हो जाते हैं, ऐसे में इन्हें खाने से दूध में भी जहरीले पन का खतरा रहता है। इसी को देखते हुए इन दिनों दुध के लिए माना किया जाता है।
- सावन के महीने में कभी भी दोपहर के समय नहीं सोना चाहिए और ना ही सुबह देर तक सोना चाहिए। साथ ही सावन के महीने में बैंगन का सेवन नही करना चाहिए। बैंगन को अशुभ माना जाता है।
काँवर का महीना...
सावन के महीने में भक्त, गंगा नदी से पवित्र जल या अन्य नदियों के जल को मीलों की दूरी तय करके लाते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार कलयुग में यह भी एक प्रकार की तपस्या और बलिदान ही माना जाता है, जिसके द्वारा देवो के देव महादेव को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है।
Published on:
21 Jul 2018 02:56 pm
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