
kaal sarp dosh
भोपाल। हर व्यक्ति के मन में कालसर्प दोष का नाम सुनते ही मन में एक अजीब सा डर बैठ जाता है लेकिन यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे समझने की जरूरत हैं, परेशान होने की नहीं। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा बताते है कि यदि जीवन में संघर्ष बहुत ज्यादा हो, बार-बार बनते-बनते काम रह जाते हों या ज्योतिष की भाषा में कहें तो सारे ग्रह राहु-केतु के बीच हों तो कालसर्प दोष होता है। पंडित जी बताते है कि राहु व केतु के बीच सभी ग्रह आने पर कालसर्प योग का निर्माण होता है। इसे महर्षि भृगु, कल्याण वर्मा बादरायण आदि ने सिद्ध भी किया है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में राहु को काल और केतु को सर्प कहा गया है। मानसागरी ग्रंथ के चौथे अध्याय के 10 वें श्लोक में कहा गया है कि शनि, सूर्य व राहु लग्न में सप्तम स्थान पर होने पर सर्पदंश होता है। यदि आप कालसर्प दोष से पीड़ित है तो कई उपाय आपको इस दोष से मुक्त करा सकते हैं। अनेक विद्वानों ने अपने मतों के अनुसार इसके उपाय बताए हैं। जानिए क्या हैं वे उपाय.....
कैसे बचें कालसर्प दोष से....
- नहाते समय मुख पूर्व की ओर रखें।
- सूर्योदय और सूर्यास्त के समय कुछ ना खाएं, केवल जल ग्रहण कर सकते हैं।
- प्रतिदिन शिवजी का जल से अभिषेक करें और बेलपत्र चढ़ाएं।
- कालसर्प दोष वालों को मोर पंख को अपने दाहिने हाथ में सफेद कपड़े में बांधना चाहिए। इससे जीवन भर के लिए कालसर्प दोष का असर खत्म हो जाता है।
- शिवलिंग पर चांदी का नाग अर्पित करें।
- शिवरात्रि पर शिवजी का महाअभिषेक करवाएं।
- शेषनाग पर लेटे हुए विष्णु जी का चित्र अपने मोबाइल और लैपटॉप में लगाएं या अपने घर पर ऐसे लगाएं की घर में घुसते समय दर्शन हो।
यदि काल सर्प दोष का प्रभाव हो तो क्या ना करें
- पैर फैला कर भोजन ना करें।
- थाली में झूठन ना छोड़ें।
- भोजन के बाद पेट पर हाथ ना फेरें।
- अपने कर्म से किसी का दिल ना दुखाएं।
Published on:
22 Nov 2018 11:57 am
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