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सांप के काटने पर ये दो इलाज जरूर करें, न जाने कब आपके काम आ जाये और किसी की जिंदगी बच जाए

सांप के काटने पर ये दो इलाज जरूर करें, न जाने कब आपके काम आ जाये और किसी की जिंदगी बच जाए

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 snake bite

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भोपाल। कई लोगों का भ्रम है कि सांप लोगों को बिना वजह डस लेते है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। आपको बता दें कि सांप लोगों को बिना मतलब नहीं डंसते है। जब भी उन्हें अपने आस-पास खतरा महसूस होता है तब ही वह सेल्फ डिफेंस में डंसते हैं। बीते महीनों पहले लोगों को जागरुक करने के लिए भोपाल की ह्यूमन फोर एनिमल सोसाइटी के द्वारा वर्ल्ड स्नैक डे मनाया गया थी। जिस दौरान उप वन निरीक्षक संदीप फेलोस ने विशेष सांपों की जानकारी दी थी। आपको बता दें कि पूरे भारत में सांप की 276 प्रजाति हैं। इसमें से 36 प्रजाति मध्य प्रदेश में हैं।

बचा सकते हैं जीवन

एक्सपर्ट बताते है कि सांप काटने का डर लोगों में इतना फैला हुआ है कि अगर किसी को सांप ने काट भी लिया तो वह आदमी जहर से नहीं मरता है बल्कि वह हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट से मर जाता है। जिसका सबसे प्रमुख कारण है डर। सबसे खतरनाक किंग कोबरा को माना जाता हैं। जिसे लोग काला नाग भी कहतें हैं। अगर किसी को काला नाग ने काट लिया है तो 99% कन्फर्म है कि उसकी मृत्यु होगी लेकिन अगर आप इस समय धैर्य से काम लेंगे तो आप अपना कीमती जीवन बचा सकतें हैं।

सबसे पहले करें ये काम

सांप के दो दांत होतें हैं जो कि सांप के मुख में ऊपर की ओर होतें हैं। जब भी इंसान को सांप काटता है तो वही ऊपर का दांत शरीर के मांस में धंस जाता है और सांप खून में अपना जहर छोड़ देता है। अगर सांप आपके शरीर में कही भी काटता है चाहे वह ऊपर की तरह हो या फिर नीचे की तरह। जहर दिल की तरफ सबसे पहले जाता है। उसके बाद खून के माध्यम से पूरे शरीर मे फैलता है। जहर आदमी के पूरे शरीर मे फैलने में थोड़ा समय लगता है। ध्यान रहे कि अगर किसी को भी सांप ने काटा है तो उस इंसान को सबसे पहले सीधा लेटा दे और शरीर में ज्यादा हलचल न करने दें और जल्द से जल्द अस्पताल जाने की कोशिश करें।

ये भी करें

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सांप के काटने वाली जगह पर कोई गहना पहने हों तो उसे उतार दें। साथ ही मरीज जूते पहना हो तो उतार दें, कपड़े सुविधाजनक हों तो न उतारें जख्म पर पट्टी बांध दें। पट्टी के लिए पेड़ की छाल, अखबार का टुकड़ा, स्लीपिंग बैग या बैकपैक फ्रेम का इस्तेमाल करें। जख्म से छेड़छाड़ न करें, पट्टी बांधने के बाद नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। इस दौरान मरीज को बिल्कुल चलने न दें, क्योंकि मांसपेशियों की रगड़ से जहर तेजी से फैल सकता है। अपने मन से एस्प्रिन या कोई दर्द निवारक दवा बिल्कुल न दें।