
भोपाल. वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी आईएएस अधिकारी ( IAS transfer ) का तबादला हो गया है। ये सरकार के एक महत्वपूर्ण मंत्रालय में अहम भूमिका निभा रहे थे। वीडियो वायरल होने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे, इन पर गाज गिर सकती है। लेकिन सरकार ने सीधे तौर पर तो ठोस एक्शन नहीं लिया। लेकिन उन्हें शंट जरूर कर दिया गया है। अब महत्वपूर्ण ओहदा उनसे लेकर शंटिग पोस्ट दे दिया गया है।
समान्य प्रशासन विभाग के एसीएस पीसी मीणा को आदिम जाति अनुसंधान संस्थान का संचालक बनाया गया है। सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने मीणा को लूपलाइन में भेज है। दो दिन की छुट्टी पर गए मीणा को लंबे अवकाश पर भेज दिया। एसीएस प्रभांशु कमल को जेडीए का प्रभार सौंपा है।
दरअसल, रविवार के दिन जैसे इतने बड़े अधिकारी का वीडियो वायरल हुआ। उसके बाद ही प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई थी। उसके बाद से ही कयाल लगाए जा रहे थे, सरकार की इससे छवि धुमिल हुई है। ऐसे में जरूर उन पर कोई एक्शन हो सकता है। क्योंकि ये मामला सीएम कमलनाथ और मुख्य सचिव एसआर मोहंती तक पहुंच गया था। मीणा की गिनती सरकार के कद्दावर अधिकारियों में होती थी। अगले साल वे रिटायर होने वाले थे।
दो खेमों बंटी थी ब्यूरोक्रेसी
वीडियो वायरल होने के बाद मध्यप्रदेश में ब्यूरोक्रेसी दो खेमों में बंटी हुई थी। आईएएस अधिकारियों की एक लॉबी चाहती थी कि उनके ऊपर सीधी कार्रवाई की जाए। जबकि दूसरा पक्ष तुरंत कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं था। लेकिन वीडियो को लेकर किरकिरी होने के बाद सरकार ने भी सीधे तौर पर कार्रवाई नहीं की। बीच का रास्ता निकालते हुए लूपलाइऩ में भेज दिया।
आरटीआई कार्यकर्ता ने की थी कार्रवाई की मांग
इधर आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने मध्यप्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस मीणा आईएएस के खिलाफ गंभीर अनियमिताओं की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। उन्होंने लिखा था कि श्री मीणा जो लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू, राजभवन, मुख्यमंत्री कार्यालय, मानव अधिकारी आयोग और सूचना आयोग और सूचना आयोग जैसे कई संवेदनशील विभाग के साथ समन्वय देखते हैं इसलिए तत्काल हटाए।
Published on:
30 Jul 2019 02:39 pm
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