
'व्हाइट हाउस' में बनेगी बीजेपी सरकार को गिराने की प्लानिंग, कड़ी सुरक्षा में होगा काम
भोपाल. भाजपा-कांग्रेस चुनावी रणनीति में पूर्व सांसदों-विधायकों से भी मशविरा ले रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सोमवार को उनके सुझाव लिए। पूर्व विधायकों ने कहा कि हमें इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि जनता सरकार से नाराज है तो हमारी सरकार बन रही है।
जरा सी चूक की तो हमारी स्थिति गुजरात जैसी होगी। उधर, भाजपा भी पूर्व विधायकों-सांसदों की राय लेने की तैयारी में है। यह राय टिकट वितरण को लेकर होगी।
एक-दूसरे की गलतियां माफ करें- नाथ
भाजपा सरकार खैरात बांटकर हमारे वोट बैंक में सेंध लगा रही है। वह अनुसूचित जाति का परम्परागत वोट भी छीन रही है। समय रहते इसकी काट तलाशना जरूरी है। कांग्रेस कार्यालय में आयोजित बैठक में पूर्व विधायकों ने यह बात कही।
पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला ने कहा, बाहरी पर्यवेक्षकों को क्षेत्र की कम जानकारी होती है। पुराने लोगों को महत्व नहीं मिलता।
तर्क दिया जाता है कि राहुल गांधी ने उन्हें नियुक्त किया। अब वे क्या रिपोर्ट देते हैं, कोई नहीं जानता, लेकिन उनकी रिपोर्ट का महत्व होगा। इस पर कमलनाथ ने कहा कि अब प्रदेश के पर्यवेक्षक जाएंगे। अगले चार महीने सब कुछ भूल जाएं। एक-दूसरे की गलतियों को माफ कर नया रास्ता खोजें। कमलनाथ ने उपस्थिति प्रतिनिधियों से घोषणा पत्र में शामिल किए जाने वाले मुद्दों पर सुझाव भी मांगे। बैठक में पूर्व विधायक जसवंत सिंह, संपत जाजू, हामिद काजी ने अपने सुझाव रखे।
- क्या मीनाक्षी नाराज हैं ?
बैठक में पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन उठकर बाहर गईं तो चर्चा शुरू हो गई कि वे नाराज हैं। वे कुछ ही देर में लौट आईं तो उनसे भी यही सवाल पूछा गया। उन्होंने बताया कि वे चुनाव घोषणा पत्र समिति की सदस्य हैं, इसकी बैठक भी होना है कुछ कागजात लेना थे, इसलिए बैठक से बाहर गई थी।
- भाजपा पूर्व सांसदों-विधायकों के साथ करेगी बैठक
भाजपा ने अपने पूर्व मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की राय लेना शुरू कर दिया है। आलाकमान ने प्रदेश संगठन को इस मामले में निर्देश दिए हैं कि टिकट तय करने से लेकर जिलों में चुनाव की समितियां और चुनावी रणनीति बनाने में इनकी राय जरूर लें। संगठन हर जिले में पूर्व सांसद-विधायकों की बैठक करने जा रहा है।
- शाह के सामने जताई थी पीड़ा
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अगस्त २०१७ में भोपाल का तीन दिवसीय दौरा किया था। उन्होंने पूर्व जनप्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की थी। इसमें कई पूर्व विधायकों-सांसदों ने कहा था कि जिले में उन्हें महत्व नहीं दिया जा रहा है। वहीं, कुछ ने वर्तमान विधायकों के काम पर असंतोष जताया था। इसी आधार पर केंद्रीय संगठन ने अब चुनाव के ठीक पहले पूर्व सांसदों-विधायकों से सहयोग और सुझाव लेने के आदेश दिए हैं।
भाजपा पूर्व सांसदों-विधायकों के अनुभव का हमेशा लाभ लेती रही है। इस चुनाव में युवाओं की ऊर्जा और पूर्व जनप्रतिनिधियों के अनुभव के योग से ही संगठन चौथी बार प्रदेश में सरकार बनाएगा।
- रजनीश अग्रवाल, प्रवक्ता, भाजपा
Published on:
10 Jul 2018 10:37 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
