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कोरोना संक्रमितों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लगाया जाएगा खास इंजेक्शन, यहां से होगी शुरुआत

Bhopal AIIMS द्वारा कोरोना से बचाव के लिए इम्युनो मॉड्यूलेटर दवा ‘माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू’ का क्लीनिकल ट्रॉयल करने की तैयारी कर रहा है।

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भोपाल/ मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस बहुत तेजी से अपने पाव पसार रहा है। अब तक सामने आए नतीजों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण का अधिक नुकसान उन लोगों को हो रहा है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है। ऐसे में भोपाल एम्स द्वारा कोरोना से बचाव के लिए इम्युनो मॉड्यूलेटर दवा ‘माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू’ का क्लीनिकल ट्रॉयल करने की तैयारी कर रहा है। ये दवा कोरोना संक्रमितों को इंजेक्शन के रूप में दी जाएगी। बता दें कि, ये खास क्लीनिकल ट्रॉयल कोरोना से संक्रमित गंभीर रूप से कमजोर मरीजों पर किया जाएगा, ताकि इस वैक्सीन के असर और सुरक्षा मानकों का मूल्यांकन किया जा सके।

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एम्स के एक्सपर्ट डॉक्टर करेंगे ट्रायल

भोपाल एम्स द्वारा जारी एक बयान में इस संबंध में बताते हुए कहा गया है कि, माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू नाम के इम्युनो मॉड्यूलेटर इंजेक्शन का निर्माण अहमदाबाद (गुजरात) की दवा निर्माता कंपनी कैडिला फॉर्मास्युटिकल ने किया है। इस पर क्लीनिकल ट्रॉयल के अध्ययन को यूएसए और भारत की शीर्ष स्वास्थ्य शोध संस्थाओं एफडीए (यूएस-फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) और आईसीएमआर दोनों ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब इस दवा का ट्रायल एम्स के डॉयरेक्टर डॉ. सरमन सिंह के नेतृत्व वाली 4 एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम के जरिये कराया जाएगा। टीम के सदस्यों में प्रो. रजनीश जोशी, प्रो. देबासीस विस्वास, डॉ. सौरभ सैगल, डॉ. सागर खडंगा शामिल हैं। डॉ. सरमन के मुताबिक, इस खास ट्रायल के लिए आईसीएमआर भोपाल एम्स को फंडिंग करेगा।

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3 महीने का लगेगा समय

इस रिसर्च में होने वाले अध्ययन के लिए 3 महीने का समय तय किया गया है। यानी इतने दिनों के भीतर सामने आए नतीजों के आधार पर दवा को लेकर आगामी तैयारी की जाएगी। डॉ. सरमन सिंह के मुताबिक, अगले एक सप्ताह के भीतर इस खास ट्रॉयल को शुरु कर दिया जाएगा। शुरुआत में ये ट्रायल 100 मरीजों पर किया जाएगा। इन्ही के आधार पर तैयार हुई रिसर्च के मदद से अगले सत्र की रणनीति बनाई जाएगी। जल्द ही वैधानिक प्रक्रिया के तहत कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों को एम्स में भर्ती किया जाएगा।