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अभी तक यह प्रयोग किसी शहर के बाहर से भारी वाहनों का ट्रैफिक निकालने के लिए किया जाता रहा है। भोपाल रेलवे के इस नए प्रयोग का पहला उदाहरण भोपाल रेल मंडल का पवारखेड़ा रेलवे ग्रेड सेपरेटर है जिस पर 116 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी मालगाड़ी को क्रॉस करवाया जा सकेगा।
वर्तमान समय में सुपरफास्ट यात्री ट्रेनों को स्टेशन के मुख्य ह्रश्वलेटफार्म पर आने के लिए आउटर पर इंतजार करना पड़ता है। यात्री ट्रेन को खड़ा कर दोबारा आगे बढ़ाने और ह्रश्वलेटफार्म पर लाकर दोबारा स्पीड पकडऩे में वक्त लगता है। अब भोपाल एवं रानी कमलापति से गुजरने वाली 135 रेल गाडिय़ों को तेज रफ्तार मिल सकेगी।
ये भी जानिए
16 किलोमीटर लंबा पावर खेड़ा ग्रेट सेपरेटर
135 गाडिय़ां प्रभावित
88 माल गाडिय़ां भोपाल जबलपुर की प्रभावित
05 लाख यात्रियों को प्रतिदिन फायदा
रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने लिया जायजा
पावर खेड़ा से जुझारपुर तक बने रेलवे बाईपास ग्रेड सेपरेटर के अपलाइन पर 116 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन को चलाकर सुरक्षा जांच की गई है। रेलवे सेफ्टी कमिश्नर मुंबई की निगरानी में इस ट्रेन को चलाकर देखा गया। 12 किलोमीटर लंबे डाउन ट्रैक पर 114 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चला कर देखी गई थी।
आधा घंटा कम समय में इटारसी
भोपाल से इटारसी पहुंचने में अभी किसी भी एक्सप्रेस एवं सुपरफास्ट ट्रेन को लगभग 2 घंटे का समय लगता है। पवार खेड़ा फ्रेट कॉरिडोर पर माल गाडिय़ों की भारी आवाजाही की वजह से ट्रेनों को रोकना पड़ता है। अब इटारसी पहुंचने में आधा घंटा कम वक्त लगेगा। जिससे आगे के स्टेशन पर भी ट्रैवल टाइम कम होता जाएगा। रेलवे का अनुमान है कि इससे लगभग सवा घंटे पहले मुंबई तक पहुंचा जा सकेगा।
ग्रेड सेपरेटर बनकर पूरी तरह से तैयार है, इससे मालगाडिय़ों को डायवर्ट कर यात्री ट्रेनों को सीधे स्टेशन पर लिया जा सकेगा। इससे यात्रा का काफी वक्त बचेगा। सौरभ कटारिया, सीनियर डीसीएम भोपाल
Published on:
21 Feb 2024 09:48 am
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