24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

BIG NEWS : 15 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर पूरी तरह खत्म, 142 ट्रेनों में शुरू हुई थी योजना

BIG NEWS : 142 ट्रेनों में शुरू हुई थी योजना, 15 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर पूरी तरह खत्म, भोपाल से होकर गुजरने वाली बिलासपुर राजधानी और यशवंतपुर दुरंतो भी शामिल

2 min read
Google source verification
news

BIG NEWS : 142 ट्रेनों में शुरू हुई थी योजना, 15 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर पूरी तरह खत्म

भोपाल. फ्लेक्सी फेयर के चलते प्रीमियम ट्रेनों में लगातार घट रही यात्रियों की संख्या को देखते हुए रेलवे ने 15 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर पूरी तरह खत्म कर दिया है और 32 प्रीमियम ट्रेनों में आंशिक राहत देते हुए इनमें फरवरी, मार्च और अगस्त (लीन टाइम) में फ्लेक्सी फेयर योजना से छूट दी है।

लीन टाइम में फ्लेक्सी फेयर से छूट वाली ट्रेनों में भोपाल से होकर गुजरने वाली गाड़ी संख्या 12442/12441 बिलासपुर राजधानी, गाड़ी संख्या 12437 सिकंदराबाद-निजामुद्दीन राजधानी, 12214/12213 यशवंतपुरा दूरंतो ट्रेन शामिल हैं।

फ्लेक्सी फेयर के चलते प्रीमियम ट्रेनों शताब्दी, राजधानी और दुरंतों में लगातार घट रही यात्रियों की संख्या को देखते हुए रेलवे ने इसके रिव्यू के लिए दिसंबर 2017 में 2008 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। जिसकी अध्यक्षता पश्चिम मध्य रेलवे के पूर्व जीएम गिरीश पिल्लई ने की थी।

कमेटी ने रिव्यू में पाया कि फ्लेक्सी फेयर से रेलवे की आय तो बढ़ी है, लेकिन यात्रियों की संख्या में कमी आई है। ऐसे में यात्रियों को राहत देते हुए रेलवे ने पिछले साल औसत मासिक बुकिंग 50 प्रतिशत से कम रहने वाली 15 ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर पूरी तरह खत्म करने का निर्णय लिया।

अब मूल किराए का 1.5 गुना नहीं 1.4 गुना बढ़ेगा किराया

रेलवे ने थोड़ी और छूट देते हुए फ्लेक्सी फेयर के तहत मूल किराए का अधिकतम 1.5 की जगह 1.4 गुना लेने का निर्णय लिया है। यह नियम 101 प्रीमियम ट्रेनों में लागू होगा।

142 ट्रेनों में शुरू हुई थी योजना

रेलवे ने 2016 में 44 राजधानी, 46 शताब्दी और 52 दुरंतों ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर स्कीम शुरू की थी। इसके तहत यात्रियों को केवल 10 प्रतिशत सीट ही सामान्य किराए पर मिलती थीं। शुरुआती 10 प्रतिशत सीटें बुक होने के बाद अगली 10 प्रतिशत सीटों के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त किराया देना होता था। यह बढ़ोतरी अधिकतम 50 प्रतिशत तक होती थी। आखिरी 10 प्रतिशत सीटों पर किराया डेढ़ गुना तक पहुंच जाता था।