
भारत-चीन विवाद : अब MP में बढ़ेगा जापानी निवेश, 70 से ज्यादा कंपनियों से हुई चर्चा
भोपाल/ भारत और चाइना के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है और इस बार भारत-चीन के साथ जरा भी नरम रवैय्या रखने के मूड में नहीं है। जहां एक तरफ सरकार चीन को उसकी गलती पर सख्त जवाब दे रही है। वहीं, देशवासी भी अब चीन के खिलाफ सख्त रवैय्या अपनाते नजर आ रहे हैं। देशभर में अब तक कई जगहों पर चीनी सामान का बहिष्कार हो रहा है, तो कहीं विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। चीन की कमर तोड़ने के लिए भारत अब चीन से व्यापारिक रिश्ते खत्म करने की तैयारी कर रहा है। इसी के तहत मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ने अब जापानी कंपनियों को सूबे में निवेश का न्योता दिया है।
95 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल
इसी के तहत वेबीनार में प्रमुख सचिव ने प्रेजेंटेशन दिया। इस प्रेजेंटेशन के बाद जापानी कंपनियों ने प्रदेश में निवेश करने में रुचि भी दिखाई है। जापान स्थित भारतीय दूतावास ने वेबिनार आयोजित किया। इस वेबीनार में मध्य प्रदेश के औद्योगिक नीति और निवेश संवर्धन विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने औद्योगिक संबंधित प्रजेंटेशन दिया। वेबीनार में 70 से अधिक जापानी कंपनियों के साथ 95 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए थे, जो अब प्रदेश में निवेश करने के लिए इच्छा जताई है।
प्रमुख सचिव संजय कंपनियों से किया वादा
संजय शुक्ला ने वेबीनार में कहा कि, किस तरीके से मध्य प्रदेश में जापानी कंपनी अपना इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर सकती है और सरकार इसमें कंपनियों की क्या मदद कर सकती है। संजय शुक्ला ने ये भी कहा कि, मध्य प्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है। यहां व्यापार करना आसान है। उन्होंने बताया कि, प्रदेश सरकार किन-किन स्थितियों में कंपनियों की किस लेवल पर मदद कर सकती है। इससे ये तो सिद्ध है कि, शुक्ला ने जापानी कंपनियों को एमपी में निवेश के लिए न्योता दे दिया है। उन्होंने कंपनियों को बताया कि, देश के मध्य में स्थित मध्य प्रदेश से व्यापार, उद्योग को देशभर में फैलाना आसान है। सरकार सभी कंपनियों की हर संभव मदद देने को तैयार है।
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स्ट्रेन्थ एरियाज की जानकारी दी
प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने प्रदेश की अनुकूल पारिस्थितियों की तंत्र और औद्योगिक परिवेश के संबंध जानकारी दी। उन्होंने राज्य के प्रमुख शक्ति क्षेत्रों स्ट्रेन्थ एरियाज की जानकारी देते हुए कहा कि, देश के मध्य में स्थित होने के कारण जापानी कम्पनियों को अपनी अधोसंरचना स्थापित करने में कैसे मदद मिलेगी। शुक्ला ने बताया कि, मध्यप्रदेश में निवेश के लिये आने वाली जापानी कंपनियों को सभी आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा।
जापानी फर्मों ने दिखाई रुचि
बता दें कि, वेबिनार के दौरान जापानी फर्मों ने प्रदेश में मौजूद विभिन्न संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश में रुचि भी दिखाई है। जापानी फर्मों ने विशेष रूप से राज्य की औद्योगिक संवर्धन नीति, विश्व स्तर के औद्योगिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ हाल ही के श्रम सुधारों सहित ईज-ऑफ-डुइंग बिजनेस के बारे में उत्साह दिखाया।
Published on:
19 Jun 2020 01:35 am
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