कन्हैया में देश के हर एक छात्र की आवाज छिपी हुई है। छात्रों का राजनीति में दखल होना ही चाहिए। जेएनयू में सभी संगठनों से जुडे छात्र अपने विचार साझा करते हैं। इसलिए जेएनयू को बर्बाद करने का प्रोपेगेंडा रचा गया है। हमारे प्रदेश के विवि में न तो देश की स्थिति को लेकर चर्चा होती है और न ही छात्रों को बोलने दिया जाता है। इसमें सुधार लाने के लिए हम रणनीति तैयार कर हैं।
- आशीष स्ट्रगल, स्टेट सेक्रेटरी ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन
कन्हैया पॉलिटिक्स नहीं कर रहा था। उसे जबरन पॉलिटिक्स में धकेला गया है। उसे साजिश के तहत देशद्रोह के मामले में फंसाया गया है। ताकि, पूरे देश के सामने जेएनयू की छवि खराब की जा सके। मप्र के विवि की बात करें तो यहां छात्र राजनीति को चौपट करके रख दिया है। छात्रों के सामने कन्हैया ने जो मिसाल पेश की है, उससे सबक लेकर यहां के छात्रों को एकजुट होगा।
- कुलदीप सिंह पिप्पल, स्टेट सेक्रेटरी स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया