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ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारों को भी नहीं समझी कांग्रेस, तब उठाया ये बड़ा कदम

- सिंधिया परिवार विहीन हुई कांग्रेस jyotiraditya scindia news- कांग्रेस छोड़ने के ये रहे मुख्य कारण

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jyotiraditya scindia latest news signal to congress

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भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया jyotiraditya scindia latest news ने आखिरकार कांग्रेस का दामन छोड़ दिया। जिसके बाद से ग्वालियर, अशोकनगर,गुना सहित प्रदेश के कई जिलों में कांग्रेस scindia fans नेता व कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार कांग्रेस छोड़ने की सूचनाएं मिल रही हैं।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं Scindia Fans Club में से एक ज्योतिरादित्य jyotiraditya scindia सिंधिया के सिंधिया परिवार की अहमियत कांग्रेस भी जानती है, तभी तो पूर्व में इंदिरा गांधी indra gandhi तक इस परिवार को कांग्रेस में लाना चाहती थी, जिसके चलते ही शुरुआत में राजमाता सिंधिया और फिर माधवराव सिंधिया भी कांग्रेस में शामिल हुए।

शुरुआती दौर में कांग्रेस के साथ रहने के बाद राजमाता scindia family ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था, वहीं एक बार 90 के दशक में माधवराव सिंधिया ने भी कांग्रेस से अलग होकर अपनी मप्र विकास कांग्रेस पार्टी का निर्माण किया था, लेकिन इसके कुछ समय बाद ही वे वापस कांग्रेस में चले गए थे।

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पिता माधवराव सिंधिया की मृत्यु के बाद उनके पुत्र jyotiraditya scindia ने भी पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए कांग्रेस ज्वाइन कर ली, लेकिन एक बार फिर सिंधिया परिवार का कांग्रेस से मोहभंग हुआ और ज्योतिरादित्य jyotiraditya scindia सिंधिया ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। ज्योतिरादित्य के कांग्रेस छोड़ने के साथ ही कांग्रेस अब पूरी तरह से सिंधिया राजपरिवार विहीन हो गई है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के कारण!
बताया जाता है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता jyotiraditya scindia सिंधिया काफी लंबे समय से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्‍व की नीतियों से नाराज थे। बालाकोट balakot attack अटैक का मुद्दा हो या अनुच्‍छेद 370 का सिंधिया ने कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से हटकर बयान दिया था। इसके अलावा कई और मामलों में भी उन्होंने कांग्रेस के बयानों के उल्ट बीजेपी bjp सरकार govt के कार्यों का समर्थन करते हुए कांग्रेस को इशारे भी किए थे कि वे कांग्रेस की नीतियों से इत्तेफाक नहीं रखते।

जानकार तो यहां तक मानते हैं कि मप्र विधानसभा चुनाव mp vidhan sabha में पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि सत्ता में आए तो उन्हें भी मजबूत हिस्सेदारी मिलेगी, लेकिन सत्ता में आते ही ज्योतिरादित्य jyotiraditya scindia सिंधिया को हाशिए पर डाल दिया गया।

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जिसका विरोध मुख्यमंत्री चयन किए जाते समय भी दिल्ली में देखने को मिला था, जब इस समय कई सिंधिया jyotiraditya scindia fans group समर्थक विधायक दिल्ली जा पहुंचे थे।

इसके अलावा कमलनाथ सरकार kamalnath govt बनने के बाद सरकार में उनकी किसी बात को तवज्जो नहीं मिली। आरोप है कि दिग्विजय और कमलनाथ की जोड़ी ने हर पल सिंधिया समर्थक jyotiraditya scindia fans मंत्रियों को भी परेशान किया। इसी उपेक्षा के चलते कई बार सिंधिया ने अपनी नाराजी को सार्वजनिक भी किया। उन्होंने सड़क पर उतरने की चेतावनी तक दी।
इससे पहले सिंधिया समर्थकों jyotiraditya scindia fans group ने मांग करते हुए कहा था उनके नेता को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया जाए, लेकिन इस पर कांग्रेस Congress आलाकमान कोई निर्णय लेने में असफल रहा।

वहीं बताया जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया jyotiraditya scindia सोनिया गांधी soniya gandhi से मिलकर meeting अपना पक्ष रखना चाह रहे थे, लेकिन उन्‍हें समय तक नहीं दिया गया। जब उनके बगावती तेवर सामने आए, तब कहीं जाकर सोनिया ने कमलनाथ को समाधान के सभी विकल्पों का रास्ता खोले रखने को कहा। इसके बाद कांग्रेस congress news की ओर से संकेत यह भी दिया गया कि ज्योतिरादित्य jyotiraditya scindia सिंधिया को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने में हाईकमान को कोई दिक्कत नहीं है।

लेकिन सोनिया गांधी के इस संकेत के बाद भी ज्योतिरादित्य jyotiraditya scindia सिंधिया चुप रहे और अचानक उन्‍होंने मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात की। इसके बाद उनके बीजेपी में आने की अटकलें तेज हो गईं। राजनीति के जानकारों की मानें तो सोनिया soniya gandhi गांधी ने सिंधिया को मनाने में काफी देरी कर दी, जिसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया उनसे दूर हो गए।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार हाईकमान ने कमलनाथ kamalnath से साफ कहा था कि राज्यसभा चुनाव rajya sabha election को लेकर शुरू हुआ मौजूदा संकट सूबे के तीनों वरिष्ठ नेताओं के आपसी अविश्वास Mutual distrust का नतीजा है। इसीलिए समाधान का रास्ता निकालने की जिम्मेदारी भी खासतौर पर मुख्यमंत्री CM Kamalnath कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय Digvijay singh सिंह की है।

हम सबसे पहले भारतीय : ज्योतिरादित्य सिंधिया
बालाकोट पर भारतीय वायुसेना के बम गिराए जाने की घटना पर सिंधिया ने कांग्रेस से अलग राय रखी थी। उन्होंने कहा था, ‘बालाकोट की जहां तक बात है, हम सबसे पहले भारतीय हैं…तिरंगा हमारा पहला झंडा है। जब हमारे देश के एकता और संप्रभुता की बात आती है या देश को कमजोर करने के लिए सुरक्षा बलों के खिलाफ कुछ होता है तो हम सबसे भारतीय सबसे पहले हैं।’ उनके इस बयान से पहले कांग्रेस पार्टी ने इस हमले की प्रमाणिकता पर सवाल उठाया था।

सिंधिया ने 370 को हटाए जाने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया था। सिंधिया ने ट्वीट कर कहा था, ‘मैं जम्मू -कश्‍मीर और लद्दाख में केंद्र के कदम और भारत में पूर्ण एकीकरण का समर्थन करता हूं। हालांकि अगर संवैधानिक तरीका का पालन किया गया होता तो यह बेहतर होता। तब कोई इस पर सवाल नहीं उठा पाता। फिर भी यह हमारे देश के हित में है और मैं इसका समर्थन करता हूं।’