
Kailash Mansarovar Yatra Tibet border (फोटो सोर्स : पत्रिका)
MP News: पड़ोसी देश नेपाल में सोशल मीडिया बैन करने के खिलाफ हिंसा हो रही है। जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में मानसरोवर यात्रा(Kailash Mansarovar Yatra) के लिए गए कई लोग नेपाल बार्डर के पहले तिब्बत चीन बॉर्डर पर फंस गए है। नेपाल में हो रहे हिंसक प्रदर्शन के चलते उन्हें रोक दिया गया है। हिंसा के चलते कई यात्री दहशत में है। इसमें भोपाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य स्थानों से 98 यात्री शामिल है। इसमें भोपाल के तकरीबन 8 यात्री और इंदौर के 2 यात्री शामिल है। जानकारी के अनुसार इन यात्रियों का परमिट नेपाल का है, लेकिन नेपाल के हालात खराब है। ऐसे में इन यात्रियों ने केंद्र सरकार से सुरक्षित निकालने की मांग की है।
यहां 98 यात्री फंसे हुए है। इसमें भोपाल से अनिल अग्रवाल, शुभा अग्रवाल, हेम कुमार गोयल, रजनी गोयल, संजय कुमार, सुबोध सिंह, अर्चना सिंह, सौम्या मिश्रा और इंदौर से विवेक जैन शामिल है। इसी प्रकार राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात सहित अलग-अलग स्थानों से भी यात्री साथ है। सभी यात्री एक दूसरे को ढांढस बंधा रहे हैं। इन यात्रियों का परमिट नेपाल होते हुए है। जहां यात्री रुके हैं। वहां से नेपाल बार्डर लगभग 25 किमी दूर है। ऐसे में यात्री चाहते हैं कि उन्हें उत्तराखंड बार्डर के रास्ते से निकाला जाए। यात्री सोशल मीडिया के जरिए भी सरकार से अपील कर रहे हैं।
इस यात्रा में शामिल कोटरा निवासी अनिल अग्रवाल ने बताया कि वे 2 सितंबर को मानसरोवर यात्रा पर गए थे। हमारी यात्रा पूरी हो गई है और वापस आने के दौरान हमें तिब्बत में पुरंग के पास रोक दिया है और एक होटल में रुके हैं। सभी यात्री सुरक्षित है और एक दूसरे को ढांढस बंधा रहे हैं। नेपाल में स्थिति काफी खराब है। यातायात और बार्डर मिग्रेशन सेवा बंद है। यहां खान-पान से लेकर इंटरनेट कनेक्टिविटी सहित कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार से चाहते है कि इस स्थिति में हमें यहां से सुरक्षित निकाले।
Published on:
11 Sept 2025 11:21 am
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