
भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की कई योजनाओं को बंद करने का सिलसिला चल रहा है। वंदेमातरम को नए स्वरूप में लाने और आनंद मंत्रालय को बंद करने के बाद अब शिवराज सरकार की संबल योजना का नाम बदलने की तैयारी कर ली है। इसका नाम अब नया सवेरा किया जा सकता है।
चुनाव से पहले कांग्रेस ने नारा दिया था वक्त है बदलाव का। इस नारे के साथ कमलनाथ ने अपनी सरकार को बना ली, लेकिन भाजपा की योजनाओं को बदलने में भी वो पीछे नहीं है। कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की मानें तो शिवराज सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई संबल योजना का नाम बदलकर नया सवेरा करने की तैयारी की जा रही है।
सिसोदिया ने यह भी बताया कि संबल योजना में आयुष्मान और आधार कार्ड को शामिल नहीं किया गया था। इसलिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि अब इसको आयुष्मान और आधार नंबर से लिंक किया जाएगा। सिसोदिया के मुताबिक नई सरकार के ससाथ ही हर व्यक्ति के जीवन में नया सवेरा भी आना चाहिए।
शिवराज सरकार ने शुरू की थी योजना
मध्यप्रदेश की तत्कालीन शिवराज सरकार ने संबल योजना शुरू की थी। इसके अंतर्गत गरीबों को दो ससौ रुपए माह के रेट पर बिजली देने की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही पुराने बिजली के बिलों को भी माफ किया गया था। संबल योजना की श्रेणी में आने वाले स्कूली बच्चों की पूरी फीस का भार भी सरकार उठाती है, वहीं निशुल्क चिकित्सीय सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। लेकिन, कमलनाथ सरकार इन योजनाओं का नाम बदल रही है।
Published on:
10 Jan 2019 12:42 pm
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