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Kargil Vijay Diwas 20th Anniversary: कांग्रेस सरकार ने कोर्स से हटाया ‘कारगिल युद्ध का चेप्टर’

कारगिल विजय दिवस ( Kargil Vijay Diwas ) से कुछ दिन पहले ही मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ( congress government ) ने छात्रों के सिलेबस ( syllabus ) में से कारगिल युद्ध ( Kargil War ) का चैप्टर हटा लिया है।

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भोपाल

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Manish Geete

Jul 24, 2019

kargil vijay diwas 2019

kargil vijay diwas 2019

26 July Kargil Vijay Diwas

भोपाल। जब पूरा देश कारगिल विजय दिवस ( Kargil Vijay Diwas ) की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है, इससे कुछ दिन पहले ही कांग्रेस सरकार ( congress government ) ने छात्रों के सिलेबस ( syllabus ) में से कारगिल युद्ध ( Kargil War ) का चैप्टर हटवा दिया। भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) ने इसका विरोध करते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस के कहने पर इस चैप्टर को हटाया गया।

भारतीय सेना के अदम्य साहस और वीरता की गाथा के लिए याद रखा जाने वाला कारगिल युद्ध का चैप्टर अब कॉलेज के छात्रों की किताब में देखने को नहीं मिलेगा। प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने इस पाठ को कोर्स से हटवा दिया है। सरकार बदलते ही पाठ्यक्रम को भी बदल दिया गया। हटाने के पीछे जो तर्क दिए जा रहे हैं उसके बाद भाजपा की तरफ से इसका विरोध भी तेज हो गया है।


गौरतलब है कि भोपाल में मोतीलाल नेहरू विज्ञान महाविद्यालय (MVM) के सैन्य विभाग के सिलेबस में सरकार ने बदलाव कर दिया है। 2019-20 के सिलेबस से कारगिल वार का चैप्टर ही हटा दिया गया। जबकि 2017-18 तक यह लगातार जारी था।

भोपाल का सबसे पुराने इस कॉलेज ने 15 से 20 लोगों की टीम रिव्यू के लिए बनाई थी। इसी टीम ने कोर्स में बदलाव किया है। इसके पक्ष में ऐसे तर्क दिए गए कि जो किसी के गले नहीं उतरता है। बताया जा रहा है कि कारगिल के युद्ध की किताबें न मिलने के कारण इसे कोर्स से हटाया जा रहा है। कारगिल युद्ध पर अच्छे लेखकों की किताबें नहीं हैं।

गुस्सा हुई भाजपा
1999 में दो माह तक चले कारगिल के भीषण युद्ध में भारतीय सेना को बड़ी सफलता मिली थी। इसकी विजय गाधा ( kargil war story ) को कोर्स से हटाने पर सियासत भी गर्माई हुई है। कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा कहती है कि कांग्रेस सरकार के इशारे पर यह किया गया है, क्योंकि प्रदेश सरकार अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में हुए इस बड़े युद्ध की गाथा नई पीढ़ी को नहीं बताना चाहती है।

कारगिल वॉर एक नजर

( kargil war facts )
3 मई 1999 की बात है जब ताशी नामग्याल (55) नामक एक शख्स ने संभवतः सबसे पहले कारगिल की पहाड़ियों में छुपे पाकिस्तानी सैनिकों को देख लिया था। उस समय ताशी कारगिल के बाल्टिक सेक्टर में अपने नए यॉक की तलाश कर रहे थे। वे पहाड़ियों पर चढ़-चढ़कर उसे खोज रहे थे। तभी यॉक के साथ-साथ उसे कुछ संदिग्ध नजर आ गए थे।

-पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने मिलकर नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी।
-पाकिस्तान का दावा था कि सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन दस्तावेजों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ था कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी।
-करीब 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे।
-दो माह तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व है।
-लगभग 18 हजार फीट की ऊँचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने 527 से ज्यादा वीर योद्धा खो दिए, वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे।
--26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल हुई थी। तभी से इस दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।