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एमपी से लापता हुई अर्चना तिवारी 13 दिन बाद नेपाल बॉर्डर पर मिली, GRP लेकर पहुंची भोपाल

Katni Girl Archana Tiwari Found : नर्मदा एक्सप्रेस में सवार होकर इंदौर से अपने घर कटनी जाते समय भोपाल के पास लापता हुई युवती अर्चना तिवारी 13 दिन बाद उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में नेपाल बॉर्डर के पास मिल गई है। जीआरपी टीम उसे भोपाल ले आई है।

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Katni Girl Archana Tiwari Found

नेपाल बॉर्डर पर मिल गई कटनी की अर्चना तिवारी (Photo Source- Patrika)

Katni Girl Archana Tiwari Found : मध्य प्रदेश के आर्थिक शहर इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस के बी-3 कोच में सवार होकर कटनी स्थित अपने घर जाने के लिए निकली युवती अर्चना तिवारी राजधानी भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास लापता से अचानक लापता हो गई थी, जिसे 13 दिन बाद मध्य प्रदेश जीआरपी टीम ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में नेपाल सीमा के पास से बरामद कर लिया है। अभी-अभी जानकारी सामने आई है कि, जीआरपी टीम उसे भोपाल से लेकर पहुंच चुकी है। अब उसके बयानों के आधार पर पता चल सकेगा कि, वो 13 दिन कहां रही।

बता दें कि, अर्चना 7 अगस्त को लापता हुई थी। वो इन 13 दिनों तक कहां कही, क्या उसका अपहरण हुआ था या वो अपनी मर्जी से गई थी और उसके साथ कोई अनहोनी तो नहीं हुई? इन सब सवालों का खुलासा भोपाल जीआरपी दोपहर तक करेगी।

दोपहर तक GRP करेगी खुलासा

भोपाल एसपी रेल राहुल लोढ़ा ने वीडियो जारी कर जानकारी दी कि, अर्चना तिवारी को लखीमपुर खीरी जिले में नेपाल सीमा के पास से बरामद की गई है और वो पूरी तरह से सुरक्षित है। जीआरपी टीम उसे दस्तयाब कर भोपाल ले आई है। बुधवार दोपहर 01 बजे तक जीआरपी टीम पुलिस भोपाल में पूरे मामले का खुलासा करेगी। वहीं, दूसरी तरफ पुलिस पार्टी द्वारा सूचना दिए जाने के बाद युवती के परिजन भी कटनी से भोपाल पहुंच चुके हैं।

ग्वालियर कनेक्शन भी आया सामने

अर्चना तिवारी की तलाश के दौरान उसके मोबाइल में एक नंबर मिला, जिससे वो अक्सर बात करती थी। उस नंबर को ट्रेस करके जीआरपी ने ग्वालियर के एक थाने में पदस्थ आरक्षक राम तोमर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। राम तोमर ने स्वीकार किया कि वो अर्चना को जानता है, लेकिन उसने बताया कि, उसने सिर्फ एक केस के सिलसिले में अर्चना से बातचीत की थी। अर्चना के लापता होने में उसका कोई हाथ नहीं है। राम तोमर को हिरासत में लेने के बाद ही अर्चना ने मंगलवार सुबह परिजन को फोन कर अपनी सकुशलता की सूचना दी थी। इसके बाद उसकी लोकेशन ट्रेस कर जीआरपी टीम ने उसे लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि, कटनी निवासी अर्चना तिवारी इंदौर के सत्कार छात्रावास में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थी। रक्षाबंधन पर वो अपने घर जाने के लिए इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच की बी-3 सीट पर बैठकर यात्रा कर रही थी। भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास तक वो अपनी सीट पर नजर आई, लेकिन इसके बाद से उसका कही कोई पता नहीं चला। उसका फोन भी बंद हो गया। सहयात्रियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि, युवती वॉशरूम जाने की कहकर सीट से उठी थी। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि वह रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर उतर गई थी, लेकिन वापस ट्रेन में सवार नहीं हुई।

8 अगस्त की सुबह उमरिया में रहने वाले अर्चना के मामा स्टेशन पर उसे लेने पहुंचे तो काफी देर प्लेटफॉर्म पर इंजजार करने के बाद जब उन्होंने ट्रेन के भीतर जाकर देखा तो उन्हें संबंधित सीट पर अर्चना का पर्स मिला, जिसमें बच्चों के लिए खिलौने, कुछ सामान और राखी रखी थी। एक बैग में उसके कपड़े भी सुरक्षित रखे मिले, लेकिन अर्चना अपनी सीट पर नहीं थी। यात्रियों ने मामा को बताया कि, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बाद से ही अर्चना अपनी सीट पर नहीं आई थी।