मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 20 सितंबर सोमवार से कक्षा 1 से 12वीं तक की सभी शासकीय और गैर-शासकीय स्कूलों को खोलने का फैसला सुनाया है। इसके तहत विद्यार्थियों और शिक्षक एसओपी (SOP) एवं नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। इसके तहत 1 से लेकर 5वीं की प्राथमिक स्तर की कक्षाएं 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी गई है।
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अभिभावकों का सेहमति पत्र जरूरी
इसके साथ ही, जारी फैसले के अनुसार, विद्यालय और छात्रावास में अभिभावकों की सहमति पत्र के बिना छात्रों को उपस्थित नहीं दी जाएगी। जिलों में स्कूलों, छात्रावास और आवासीय विद्यालयों को खोले जाने के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन समिति की सहमति ली जाएगी। विद्यालयों और छात्रावासों में भारत सरकार और राज्य स्तर पर समय-समय पर जारी SOP और नियमों का पालन कराना होगा। विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं पहले की ही तह संचालित रखनी होगी। इसमें उन छात्रों को पढ़ाना होगा, जो 50 फीसदी स्कूल न आए हों। साथ ही, वो छात्र भी जो किसी कारणवश स्कूल न आ सकें।
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राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का करना होगा पालन
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