
प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भले ही लाड़ली बहना योजना में महिलाओं के खातों में हर महीने एक हजार रुपए जमा करवाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने, महिला सशक्तिकरण बढ़ाने का सपना देख रहे हों, लेकिन कुछ लोग महिलाओं के हक की इस राशि में सेंध लगाते नजर आ रहे हैं। दरअसल लाड़ली बहना योजना के इन महिलाओं को पूरे 1000 रुपए ही मिल रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन राशि निकालने के बहाने कुछ बिचौलिये अपनी जेब भरने के लिए 150 से 200 रुपए की वसूली कर रहे हैं। ऐसे में इन महिलाओं के पास केवल 850 या 800 रुपए ही मिल रहे हैं। दरअसल, यह गड़बड़ी इसलिए सामने आ रही है कि लाड़ली बहना योजना की राशि महिला हितग्राही के उसी बैंक खाते में जमा की जाती है, जिसमें डीबीटी एक्टिव है।
यह नियम उन महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बना है, जिनके खाते माइक्रो फाइनेंस कंपनियों में खुले हैं। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के खाते में है डीबीटी कुरवाई क्षेत्र की महिलाएं बताती हैं कि वे फाइनेंस कंपनियों द्वारा बनाए गए समूहों से जुड़ी हुई हैं। खाते में लेनदेन के लिए उनके इन्हीं खातों में डीबीटी एक्टिव है। इसी वजह से लाड़ली बहना योजना की राशि भी माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के खातों में जमा हो रही हैं। इन खातों से राशि निकालने के लिए उन्हें बिचौलियों का शिकार बनना पड़ रहा है।
शहर में नहीं है ब्रांच
कुरवाई क्षेत्र में रहने वाली रामकली बाई, श्याम बाई, रुखसाना बी, राम कृष्णा, शाहीन बेगम ने बताया कि उनके खाते कंपनियों में हंै, लेकिन इनकी शहर में कोई ब्रांच नहीं है, जहां पहुंचकर वे राशि निकाल सकें। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन पैसा निकलवाना पड़ता है, जिसके नाम पर पैसा निकलवाने में हेल्प करने वाले सुविधा शुल्क के नाम पर उन्हें कुछ पैसे काटकर ही लाड़ली बहना की राशि दे रहे हैं।
ले रहे हैं 150 रु. से लेकर 200 रुपए तक
इन पीडि़त महिलाओं का कहना है कि एक हजार रुपए की राशि निकालने के बदले उनसे डेढ़ सौ से दो सौ रुपए लिए जा रहे हैं। उनके हाथ में सिर्फ आठ सौ या साढ़े आठ सौ रुपए ही आ रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि ये महिलाएं किसी की भी शिकायत नहीं करना चाहतीं। जब इनसे पूछा गया कि वे शिकायत क्यों नहीं करना चाहतीं, तब पता चला कि उनके मन में डर है कि शिकायत करने से कहीं योजना के तहत मिलने वाली राशि कहीं आना बंद न हो जाए।
एक नहीं कई जगह यही स्थिति
आपको बता दें कि महिलाओं की ये समस्या केवल कुरवाई की ही नहीं है बल्कि कई गांवों में रहने वाली महिलाएं इस समस्या का सामना कर रही हैं। ऑनलाइन सर्विस सेंटर या कियोस्क सेंटर लाड़ली बहना योजना की राशि निकालने के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। लेकिन कोई भी महिला शिकायत नहीं करना चाहती, जिससे प्रशासनिक कार्रवाई भी नहीं की जा सकती।
जानें क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले पर बैंक अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना है कि ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन करने वाले लोग ग्राहकों से किसी भी तरह की राशि नहीं ले सकते। क्योंकि बैंकिंग के नियमों में किसी भी तरह के लेन-देन के लिए राशि लेने का कोई प्रावधान ही नहीं है। यदि फिर भी कोई इस तरह से वसूली कर रहा है ता यह अवैध है। ऐसे में महिलाओं को माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के खातों से डीबीटी बंद करवाकर स्थानीय बैंक शाखाओं में खुले खातों डीबीटी एक्टिव करवा लेना चाहिए। लेकिन पहले एक आवेदन देकर डीबीटी डिसएक्टिव करवाना होगा। इसके बाद ही दूसरे खाते में डीबीटी एक्टिव करवाने का आवेदन देना होगा। ऐसे में महिलाएं खुद अपने पैसे निकलवा सकेंगी और अवैध वसूली से बच सकेंगी।
Updated on:
12 Aug 2023 12:29 pm
Published on:
12 Aug 2023 12:17 pm
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