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हजारों साल पहले यहां होती थी इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी वर्कशॉप

यही नहीं यहां फिजाओं में घुला प्राकृतिक सुकून आपकी इस ट्रेवल को खूबसूरत यादों में बदल देगा। एक ऐसा दर्शनीय स्थल जहां आपको अध्यात्म की अनुभूति तो होगी ही, इसकी भव्यता, इसका इतिहास भी आपको रोमांच से भर देगा।

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sanjana kumar

Mar 11, 2016


भोपाल। अगर आप न्यूली मैरिड हैं और गुजरात के सोमनाथ मंदिर जाने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन कई बार उस स्थल को देखने के बाद कुछ चेंज चाहते हैं, तो आपको बता दें मध्यप्रदेश में भी ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर है, जिसे सोमनाथ की उपमा दी जाती है। मध्यप्रदेश का यह सोमनाथ मंदिर भोपाल शहर से केवल 40 किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर नामक जगह पर है। यहां आकर भी आप भगवान शिव से आशीर्वाद ले सकते हैं।

Bhojpur

यही नहीं यहां फिजाओं में घुला प्राकृतिक सुकून आपकी इस ट्रेवल को खूबसूरत यादों में बदल देगा। एक ऐसा दर्शनीय स्थल जहां आपको अध्यात्म की अनुभूति तो होगी ही, इसकी भव्यता, इसका इतिहास भी आपको रोमांच से भर देगा।


यहां से एक किलोमीटर दूर स्थित जैन मंदिर आपकी सैर को एक पैकेज का रूप दे देता है। यहां की खूबसूरत लोकेशन आपको तन-मन से प्रसन्न कर देगी, तो आइए चलते हैं भोजपुर...



चंद बिंदुओं में जानें आखिर क्यों जाएं आप यहां..

- इस भव्य मंदिर की खासियत है यहां स्थित विशाल शिवलिंग। जिसके दर्शन के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं।

-पुरातत्वविद जिनेंद्र जैन बताते हैं कि भोजपुर का ये शिवमंदिर 1010 ईस्वी से 1055 ईस्वी के बीच बनाया गया, जो आज भी अपनी वास्तुकला के कारण अद्भुत उदाहरण बना हुआ है। ये मंदिर 106 फीट लंबा, 77 फीट चौड़ा और 17 फीट ऊंचा है। यहां एक ही पत्थर से तैयार 22 फीट ऊंचा शिवलिंग भी बना हुआ है। मंदिर के पीछे बनी रैंपनुमा पहाड़ी को देख आज ये अंदाजा शायद ही लगा पाए कि आखिर इसे कैसे डिजाइन किया गया होगा। यहीं से पत्थर लगते जाते थे और कोण बदलता जाता था। ऐसा माना जाता है कि पांडवों की मां कुंती शिवभक्त थीं इसलिए पांडवों ने इसका निर्माण कराया था।

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- इस मंदिर की भव्यता तो आपको आकर्षित करेगी ही। इसके अलावा यह मंदिर स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। इसकी विशाल छत पर नजर आने वाली कारीगरी आपको हैरान कर देगी।

- कुछ विद्धान इसे भारत में सबसे पहले गुम्बदीय छत वाली इमारत मानते हैं। इस मंदिर का दरवाजा भी किसी हिंदू इमारत के दरवाजों में सबसे बड़ा है। यह मंदिर ऊंचा है, इतने प्राचीन मंदिर के निर्माण के दौरान भारी पत्थरों को ऊपर ले जाने के लिए ढ़लाने बनाई गई थी। इसका प्रमाण भी यहां मिलता है।

- पुरातत्वविद के मुताबिक पहाड़ी क्षेत्र में पत्थरों पर बने इस मंदिर के डिजाइन और पत्थरों को काटने का तरीका उस समय में इस्तेमाल की गई तकनीक के अवशेष आज भी यहां मौजूद हैं, जो बेस्ट इंजीनियरिंग वर्क को दशाते हैं। यहां पहाड़ पर कई पत्थरों में छोटे-छोटे गेप एक कतार में बने हैं, जिनसे पता चलता है कि पत्थरों को किस तरह एक निश्चित पैमाना तय कर काटा गया था। जिसने पुरातत्वविदों को इसे इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी वर्कशॉप कहने को मजबूर कर दिया।

- यह ऐतिहासिक धरोहर अब आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया के संरक्षण में है।
- पुरातत्वविद मानते हैं कि इसका निर्माण 11वीं शताब्दी के बीच का है।
- यह मंदिर विशालकाए खंभों पर टिका है। जिन पर एक बड़ी सी गुम्बद है।
- धार्मिक स्थल होने के कारण इसका विकास भी पर्यटन के हिसाब से ही किया गया है।

Bhojpur
- मंदिर के सामने बेतवा नदी बहती है, जो इसकी लोकेशन को खूबसूरत बनाती है। यहां रुककर आप बोटिंग का मजा तो ले सकते हैं। लेकिन यदि आप नहाने की सोच रहे हैं तो सतर्क रहकर आप किसी भी अनहोनी से बच सकते हैं।
- नदी के एक ओर पार्वती गुफा है। यह गुफा ऐतिहासिक नक्काशी का उदाहरण है।
-मंदिर के निकट स्थित बांध को राजा भोज ने बनवाया था। बांध के पास प्राचीन समय में बड़ी संख्या में शिवलिंग बनाया जाता था। यह स्थान शिवलिंग बनाने की प्रक्रिया की जानकारी देता है।

कब जाएं
वैसे तो हर मौसम में आप यहां जा सकते हैं। लेकिन अक्टूबर से मार्च तक आप यहां की सैर करेंगे तो मौसम आपकी सैर को यादगार बना देगा।

कैसे पहुंचे
यहां जाने के लिए आप भोपाल से बस या टैक्सी के माध्यम चुन सकते हैं।

कहां रुकें और क्या खाएं

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आपको बता दें यहां जा रहे हैं, तो आप भोपाल में ठहर सकते हैं। रही खाने की बात तो आप यहां 11 मील और बंगरसिया पर ढाबे का स्वादिष्ट खाने का मजा ले सकते हैं। या फिर जैन मंदिर में अपना मनपसंद खाना तैयार करवाकर खा सकते हैं। वैसे जैन मंदिर में स्थित इस रसोई के दाल-बाफले आपको भारतीय खाने का सबसे स्वादिष्ट खाना लगेगा। इसके अलावा भोपाल में ऐसे कई रेस्टोरेंट हैं, जहां आप ठहर भी सकते हैं और इंडियन फूड के साथ ही फास्ट फूड, चायनीज फूड का मजा ले सकते हैं। चिप से लेकर रॉयल टच होटल और रेस्टोरेंट यहां आपको फाइव स्टार जैसी सुविधा देते हैं।

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