27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लेट ITR भरने से होंगे 5 नुकसान, लग सकता 5 हजार जुर्माना

ITR Filing Date: कई बड़े संस्थान व कर सलाहकार समूह ने रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ाने की मांग भी की है।

2 min read
Google source verification
फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

ITR Filing Date: गैर-ऑडिट आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है, लेकिन विभाग के पोर्टल पर जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 1 प्रतिशत ट्रस्ट और सोसायटियों ने ही रिटर्न भरे हैं। दूसरे करदाताओं की स्थिति भी ठीक नहीं। मध्यप्रदेश में 17 लाख 69 हजार 183 रिटर्न दाखिल हो सके हैं। जबकि 2024 में इस समय तक 30 लाख से अधिक रिटर्न फाइल हो चुके थे। इस बीच कई बड़े संस्थान व कर सलाहकार समूह ने रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ाने की मांग भी की है।

सीए पंकज शर्मा के अनुसार इस बार आयकर रिटर्न की यूटिलिटी विभाग ने काफी देर से उपलब्ध कराई। सामान्यत: टैक्स ऑडिट के लिए पेशेवरों को करीब दो माह का समय मिलता है। यदि टैक्स ऑडिट की अंतिम तिथि 30 सितंबर ही रहती है, तो वास्तविकता यह है कि प्रोफेशनल्स के पास केवल 15 दिनों का ही समय शेष रहेगा। विभाग इस समय-सीमा पर विचार करे।

यूटिलिटी रिलीज में हुई देरी

गैर-ऑडिट रिटर्न दाखिल करने की ऑफलाइन यूटिलिटी इस बार 21 अगस्त को रिलीज हुई, जबकि आइटीआर की ऑनलाइन फाइलिंग सुविधा 7 से 10 दिन बाद शुरू होती है। ऐसे में संस्थाओं और उनके प्रोफेशनलों के पास वास्तविक रूप से काम करने के लिए सीमित समय बचा।

आइटीआर-5 की लेटेस्ट यूटिलिटी तो 6 सितंबर को जारी की, इससे दबाव बढ़ गया। इधर अंतिम समय में विभाग का पोर्टल भी क्रैश होने लगा। इससे एआइएस, टीआइएस और 26 एएस से टीडीएस की जानकारी नहीं दिख पा रही। नतीजा, हिसाब-किताब का मिलान न होने से आइटीआर फाइल नहीं हो पा रहा।

लेट रिटर्न फाइलिंग से नुकसान

-आयकर अधिनियम की धारा 234एफ में अधिकतम 5 हजार रु. तक जुर्माना लग सकता है।

-समय पर आइटीआर न भरने पर टैक्स रिफंड देर से मिलेगा।

-हानि या कैपिटल गेन का घाटा आने वाले वर्षों में एडजस्ट नहीं।

सेक्शन 234ए के तहत 1 प्रतिशत प्रतिमाह ब्याज देना पड़ता है।

-जिन पर ऑडिट लागू, उन्हें 30 सितंबर तक ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।