
madhyapradesh-mahamukabala-2018
विधायक ने सिपाही को मारा घूंसा, लूटे कारतूस और मैग्जीन
विधायक: विक्रम सिंह नातीराजा, क्षेत्र: राजनगर
मुकदमा क्रमांक 235/06
छतरपुर. घटना 16 नवंबर 2006 की रात करीब पौने तीन बजे की है। मामला छतरपुर से तत्कालीन सपा विधायक (अब कांग्रेस से राजनगर विधायक) विक्रम सिंह उर्फ नातीराजा का है। पुलिस को सूचना मिली थी कि नातीराजा पन्ना नेशनल पार्क से हिरण का शिकार करके लौट रहे हैं। पुलिस बमीठा थाना के बाहर चैकिंग कर रही थी। सिपाही राजेंद्र सिंह ने हाथ देकर नातीराजा को रोका, लेकिन वे रुके नहीं। अगले ही पल वाहन तेजी से पीछे आया।
विधायक स्वयं कार ड्राइव कर रहे थे। कार में तीन लोग सवार थे। तमतमाए विधायक ने सिपाही से कहा, तेरी रास्ता रोकने की हिम्मत कैसे हुई। उन्होंने सिपाही को घूंसा मार दिया। बंदूक का बट सिर पर मारा। उनके साथी मुन्ना सिंह ने भी लात-घूसे मारे। वे सिपाही से पांच जिंदा कारतूस सहित मैग्जीन भी लूटकर ले गए। सिपाही की शिकायत पर विधायक पर अपराध क्रमांक 235/06 दर्ज हुआ। उन पर विभिन्न धाराएं लगाई गईं। अगले दिन तत्कालीन एसपी चंचल शेखर ने पुलिस बल के साथ विधायक के खजुराहो स्थित राजमहल पैलेस से उन्हें गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से लूटे गए कारतूस-मैग्जीन बरामद किए। बाद में नातीराजा जमानत पर रिहा हो गए। हालांकि, उन्हें 20 मई 2016 को बरी कर दिया गया। इस फैसले के खिलाफ सरकार ने छतरपुर विशेष न्यायालय में अपील दायर की है। इसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश देवनारायण मिश्रा के यहां चल रही है। इसकी पेशी 20 नवंबर 2018 को है।
विवाद मामूली था, लेकिन उसे गंभीर बना दिया गया था। मुझे न्यायालय ने बरी कर दिया है। शासन की ओर से अपील हुई है, लेकिन मुझे अभी कोई नोटिस नहीं मिला है।
विक्रम सिंह नातीराजा, कांग्रेस विधायक, राजनगर
नक्शे में हेरफेर कर जमीन के मामले में की धोखाधड़ी
विधायक: अरुण भीमावत, क्षेत्र: शाजापुर
मुकदमा 1317/12
ताजीरात-ए-हिन्द: 420, 463, 464, 465, 467, 468, 471
शाजापुर. भाजपा विधायक (तत्कालीन भाजपा जिलाध्यक्ष) अरुण भीमावद और उनके साथियों ने हाइवे के पास पहाड़ी की दूसरी ओर जमीन खरीदी। इसमें उन्होंने नक्शे में हेरफेर कर जमीन को हाइवे के पास दर्शाकर बेशकीमती बता दिया। मामले की जानकारी मिलने के बाद भाजपा नेता ब्रह्मानंद चौधरी ने इसके खिलाफ शिकायत की। उस दौरान 'पत्रिकाÓ के खुलासे के बाद यह मामला प्रदेशस्तर तक सुर्खियों में रहा। जांच के बाद भीमावद सहित अन्य के खिलाफ सीजेएम शाजापुर ने प्रकरण क्रमांक 1317/12 दर्ज कर 27 अगस्त 2012 को संज्ञान में लिया। कोर्ट के आदेश पर अरुण भीमावद के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। वे करीब चार माह तक फरार रहे। उन्होंने हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। अभी यह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनी स्पेशल फास्ट ट्रेक कोर्ट में है।
विधायक बनने के बाद भाजयुमो जिलाध्यक्ष को धुना
भीमावद ने विधायक बनने के बाद इसी वर्ष तीन अगस्त को शुजालपुर निवासी भाजयुमो जिलाध्यक्ष सुनील देथल के साथ जिला कार्यालय में मारपीट की थी। कोतवाली पुलिस ने देथल की रिपोर्ट पर भीमावद सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। कोर्ट में प्रस्तुत भीमावद के आपराधिक रेकॉर्ड के अनुसार इन पर अभी तक एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं।
मामला कोर्ट में लंबित है। इस मामले में मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता।
अरुण भीमावत, विधायक शाजापुर
Published on:
02 Oct 2018 05:22 am
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