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21 जून को सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात, जानिए आकाश में कितने घंटों तक चमकेगा सूरज

हर साल 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में सूरज कर्क रेखा पर लंबवत होता है

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सूरज कर्क रेखा पर लंबवत होता है

भोपाल। जब देश—प्रदेश में गर्मी चरम पर है और मानसून दस्तक दे रहा है तब एक विशेष खगोलीय घटना भी हो रही है। 21 जून को ग्रीष्म संक्रांति यानि समर सोल्स्टिस 2022 है जोकि वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात का दिन है. इस दिन उत्तरी ध्रुव सूर्य के सबसे निकट झुका होगा। दरअसल ग्रीष्म संक्रांति के दिन सूर्य आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच जाता है जिसके कारण दिन का उजाला सामान्य से अधिक समय तक बना रहता है।

पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होगा जबकि सूर्यास्त देर से जिसके कारण सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात - 21 जून 2022 को सूरज मध्याह्न में कर्क रेखा के ऊपर होगा। इसका अर्थ यह है कि इस दिन सूर्य का प्रकाश धरती पर सबसे लंबे समय तक रहेगा। पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होगा जबकि सूर्यास्त देर से जिसके कारण सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होगी।

हर साल 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में सूरज कर्क रेखा पर लंबवत होता है- खगोल विज्ञानियों के अनुसार हर साल 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में सूरज कर्क रेखा पर लंबवत होता है। इसके कारण दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होगी। 21 जून को उज्जैन में सूर्योदय सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर होगा जबकि शाम 7 बजकर 16 मिनट पर सूर्यास्त होगा। इस प्रकार दिन 13 घंटे 34 मिनट का होगा जबकि रात महज 10 घंटे 26 मिनट की ही होगी।

मध्याह्न में सूरज कर्क रेखा के ऊपर होगा- 21 जून के बाद दक्षिणायन प्रारंभ होता है यानि सूर्य की गति धीरे—धीरे दक्षि्ण की ओर होती जाती है। इससे दिन भी धीरे-धीरे क्रमश: छोटे होते चले जाते हैं। 23 सितंबर के दिन रात और दिन बराबर होंगे। खगोल विज्ञानियों के मुताबिक 21 जून को मध्याह्न में सूरज कर्क रेखा के ऊपर होगा. यही कारण है कि इस दिन सूरज का प्रकाश धरती पर साल में सबसे लंबे समय तक रहेगा। इस वजह से यह दिन साल के सबसे लंबे दिन के रूप में जाना जाता है.