
Grahan
भोपाल। 16 जुलाई दिन मंगलवार को साल 2019 का दूसरा चंद्रग्रहण ( lunar eclipse ) पड़ने जा रहा है। ज्योतिषाचार्य जगदीश शर्मा बताते है कि गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण ( grahan ) का संयोग 149 साल बाद बन रहा है। इसलिए इस चंद्रग्रहण ( chandra grahan ) को दुर्लभ और ऐतिहासिक कहा जा रहा है। इससे पहले 12 जुलाई 1870 को यह संयोग बना था, जब गुरु पूर्णिमा व चंद्रग्रहण एक साथ पड़े थे। बता दें कि चंद्रग्रहण भारतीय समयानुसार रात्रि 1:31 बजे से शुरू होकर तड़के 4:30 बजे तक प्रभावी रहेगा। इसे पूरे भारत में देखा जा सकेगा।
पंडित जी बताते है कि शास्त्रों के नियम के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण से नौ घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। यह 16 जुलाई को शाम 4 बजकर 31 मिनट से ही शुरू हो जाएगा। ऐसे में सूतक काल शुरू होने से पहले गुरु पूर्णिमा की पूजा विधिवत् कर लें। सूतक काल के दौरान पूजा नहीं की जाती है। यह मोक्ष काल के बाद पवित्र होने के बाद समाप्त होता है। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण से जुड़े कुछ नियम मानना बहुत जरूरी है। कुछ काम ऐसे होते है जिन्हें ग्रहण के दौरान बिल्कुल भी नहीं किया जाना चाहिए। जानिए कौन से हैं वे काम....
- चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान का जाप करना उत्तम माना जाता है लेकिन इस दौरान सिर्फ मंत्र जाप, ध्यान लगाना, प्रार्थना करना ही सही माना जाता है। इस दौरान मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए।
- ग्रहण काल में कभी भी सब्जी काटना, सूई-धागा से काम करने से जन्म लेने वाले शिशु में शारीरिक दोष होने की संभावना ज्यादा रहती है, इसलिए ये काम न करें।
- कभी भी ग्रहण के समय तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए। जब ग्रहण खत्म हो जाएं तब तुलसी के पौध के पास जाकर गंगाजल छिड़कना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान कभी भी नहाना नहीं चाहिए। ग्रहण के खत्म होने के बाद नहाकर नए कपड़े पहनने चाहिए।
- हमेशा याद रखें कि ग्रहण के दौरान कभी भी खाना न खाएं। साथ ही खाना पकाना, नहाना, और सोना भी ग्रहण के दौरान शुभ नहीं माना जाता है।
- ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करके मंत्रों का जाप करें और हो सके तो किसी गरीब को कुछ दान करें।
- ग्रहण खत्म होने के बाद अपने ईष्टदेव को जरूर याद करें और उनके नाम का दीपक भी जलाएं।
Published on:
16 Jul 2019 12:38 pm
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