scriptNavratri 2021 विरोधियों पर तुरंत वर्चस्व स्थापित कर देती हैं ये काली मां, तालाब के किनारे होने से सिद्ध होते हैं काम | Maa Kali establishes supremacy over opponents Navratri 2021 | Patrika News

Navratri 2021 विरोधियों पर तुरंत वर्चस्व स्थापित कर देती हैं ये काली मां, तालाब के किनारे होने से सिद्ध होते हैं काम

locationभोपालPublished: Oct 08, 2021 08:57:01 am

Submitted by:

deepak deewan

दुश्मनों से परेशान भक्तों को यहां आकर तुरंत राहत मिलती देखी जाती है Navratri 2021
 

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भोपाल. गुरुवार से शारदीय नवरात्र पर्व शुरू हो गया है. इसके साथ ही माता की भक्ति भी प्रारंभ हो गई है. नवरात्र 2021 के मौके पर patrika.com आप को बता रहा है मध्यप्रदेश के प्रमुख देवी मंदिरों के बारे में…। आइए जानते हैं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक विख्यात देवी मंदिर के बारे में. छोटे तालाब के किनारे बना यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। यह मंदिर शत्रुओं का सर्वनाश करनेवाली माता काली का मंदिर है और दुश्मनों से परेशान भक्तों को यहां आकर तुरंत राहत मिलती देखी जाती है.

मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। पहले यहां एक सिद्ध मढि़या हुआ करती थी। इसके बाद १९६७ में हरियाली अमावस्या के दिन मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर के रजनीश सिंह बगवार ने बताया कि काली जी के इस मंदिर का शिखर बहुत ऊंचा बनाया गया है. इस मंदिर का शिखर पूरे १०८ फीट ऊंचा है। नवरात्र के अलावा यहां आम दिनों में भी बड़ी संख्या में दर्शनार्थी आते हैं।

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देशभर में देवी मंदिरों में दुर्गाजी के मंदिर तो बहुत मिलते हैं लेकिन कालीजी के मंदिर कुछ कम ही हैं. दरअसल कालीजी की उपासना—आराधना बहुत कठिन है. हालांकि विधिपूर्वक पूजन—अर्चन करने से मां काली तुरंत फल देती हैं. इस मंदिर में स्थापित मां काली भी त्वरित फलदायक मानी गई हैं. विरोधियों पर वर्चस्व स्थापित करने की कामना लिए यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और मां की आराधना करते हैं.
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इस मंदिर की एक और खासियत है. कालीजी का यह मंदिर तालाब के किनारे बना हुआ है. तालाब के किनारे होने के कारण इसे एक सिद्धपीठ माना गया है. यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं. यहां आनेवाले भक्त मंदिर में स्थापित कालीजी को सिद्धिदात्री देवी के रूप में मानते हैं।

मुंहमांगी मुराद होती है पूरी, गर्भगृह के पीछे श्रद्धालु मन्नत के लिए बांधते हैं धागा
इस मंदिर में श्रद्धालुओं की मुंहमांगी मुराद पूरी होती है। इसके लिए एक विशेष उपाय भी किया जाता है. काली मंदिर के गर्भगृह के पीछे कई श्रद्धालु मन्नत मांगने के साथ धागा बांधते हैं और जब मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वह धागा खोल देते हैं। आज भी गर्भगृह के पीछे मन्नत के कई धागे बंधे हुए हैं। नवरात्र में तो यहां भक्तों की कतार लग जाती है.

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