
National Engineer Day: सुई से लेकर हवाई जहाज बनाने का काम हमारे इंजीनियर (our engineer) करते हैं। देश-दुनिया में ऐसी कई चीजें हैं, बरसों पहले तक जिनकी कल्पना करना किसी हैरतअंगेज कारनामे से कम नहीं था। लेकिन उन वस्तुओं को बनाकर इंजीनियर ने अपनी महानता और आवश्यकता को साबित किया।
बड़ी-बड़ी इमारतें, मशीनें, गाड़ियों का इनोवेशन तो उनके कारनामों के छोटे नमूने हैं। उन्होंने कबाड़ (Waste) का यूज करके ऐसी चीजें बनाई जिनका जादू दुनिया भर पर छाया और वे चीजें लोकप्रिय हो गईं। देश के दिल मध्यप्रदेश में भी कई ऐसे इंजीनियर हैं, जिन्होंने दुनियाभर में अपने टैलेंट की छाप छोड़ दी।
जिस कबाड़ को हम घर से निकाल बाहर का रास्ता दिखा देते हैं, हमारे इंजीनियर उनसे क्रिएशन कर रहे हैं। ऐसी ही एक अनोखी कलाकृति बनाकर लोगों को हैरान किया है मध्यप्रदेश के इंजीनियर पवनदेश पांडे ने। पवनदेश पांडे के कबाड़ के सामान से यूनिक क्रिएशन कर साबित कर दिया कि इस धरती पर कोई भी चीज ऐसी नहीं जिसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
पवनदेश पांडे ने बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट (Best Out of Waste) का बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए 5 टन भारी 'रूद्र वीणा', गिटार, 3 टन वजनी रेडियो (Radio) और भोपाल नगर निगम (Bhopal Municipal Corporation) का लोगो बना डाला। इनके ये खूबसूरत क्रिएशन लोगों को इतना अट्रैक्ट करते हैं कि उनके मुंह से निकल जाता है कितने क्रिएटिव लोग हैं दुनिया में।
आपको ये जानकर भी हैरानी होगी कि पवनदेश पांडे (Pawandesh Pandey) के क्रिएशन में बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट का उदाहरण पेश करती 'रूद्र वीणा' का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। दरअसल ये रूद्र वीणा दुनिया की सबसे भारी वीणा है।
इसे बनाने में पवनदेश ने चैन, बेयरिंग, वायर, चेन सपायकेट, क्रैंक शॉफ्ट, कलच प्लेट, ड्रम व्हील समेत कबाड़ की कई वस्तुओं का यूज किया है। एमपी की राजधानी भोपाल के टीटी नगर में स्थापित ये रूद्र वीणा यहां आने वाले लोगों को इतना अट्रैक्ट करती है कि अब ये जगह एक सेल्फी पॉइंट (Selfie Point) बन गई है। रूद्र वीणा को देखकर ठहरने वाले लोगों को यहां म्यूजिक सुनने का आनंद भी मिलता है।
ड्राईवर लेस कार के बारे में सोचते ही हमारे मन में एलन मस्क (Elon Musk) की टेस्ला (Tesla) का नाम आता है। क्योंकि अमेरिका की सड़कों पर एलन मस्क कि ड्राईवरलेस कार फर्राटे फरती नजर आती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसा कारनामा मध्यप्रदेश के इंजीनियर संजीव शर्मा ने भी कर दिखाया है। उन्होंने भी एक ड्राइवरलेस कार बना डाली। इसके कई ट्रायल भी किए जा चुके हैं। बोलेरों और थार पर भी इसकी टेस्टिंग की जा चुकी है।
संजीव शर्मा की ड्राइवर लेस कार (driver less car) सेंसर (Sensor) और कैमरे (Camera) के जरिए कंट्रोल की जाती है। इसका सेंसर सिस्टम खुद ही अपनी राह बना लेता है। बता दें कि भारत की सड़कें और ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए संजीव शर्मा ने इस ड्राईवर लेस कार तैयार की है।
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Updated on:
15 Sept 2024 12:23 pm
Published on:
15 Sept 2024 12:21 pm
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