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‘बैटमार’ विधायक के समर्थन में लगे पोस्टर, लिखा- सैल्यूट आकाशजी

नगर निगम के अधिकारी को बैट से मारने वाले भाजपा विधायक आकश विजयवर्गीय की जमानत अब भोपाल की विशेष अदालत में होगी।

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भोपाल

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Manish Geete

Jun 28, 2019

BJP

INDORE में 'बैटमार' विधायक के समर्थन में लगे पोस्टर, लिखा- सैल्यूट आकाशजी

इंदौर/भोपाल। नगर निगम ( indore municipal corporation ) के अधिकारी को बैट से मारने वाले भाजपा विधायक ( bjp mla ) आकाश विजयवर्गीय ( akash vijayvargiya ) की जमानत का फैसला अब भोपाल ( bhopal ) की विशेष अदालत में होगा। उधर, जेल में कैद BJP विधायक की इस हरकत पर सभी तरफ आलोचना हो रही है, वहीं कई भाजपा कार्यकर्ता विरोध करने की बजाय उनके समर्थन में उतर आए हैं। शहर के कई स्थानों पर आकाश के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें लिखा है कि 'सैल्यूट आकाशजी'।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी राजबाड़ा में बड़ा मंच तैयार कर रही है, जहां सैकड़ों की संख्या में पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें बताया जा रहा है कि बीजेपी यहां बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है।

जमानत याचिका हो गई खारिज
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) के बेटे आकाश विजयवर्गीय फिलहाल इंदौर की जेल में हैं। सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर कोई सुनवाई नहीं करते हुए इसे अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताया। अब आकाश की जमानत अर्जी पर सुनवाई भोपाल की विशेष अदालत में होगी। भोपाल में जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत बनाई गई है।

क्या है मामला
इंदौर नगर निगम की टीम जर्जर मकान को ध्वस्त करने के लिए गई थी। जिसे रोकने के लिए भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय अपने समर्थकों के साथ वहां आ गए और कार्रवाई का विरोध करने लगे। वे अपने साथ क्रिकेट का बल्ला भी लेकर आए थे। इस दौरान वे तेश में आ गए और नगर निगम के जोनर अधिकारी को किकेट के बैट से पीट दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आकाश के साथ ही 10 अन्य लोगों पर भी कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था।

इन धाराओं में हुआ केस दर्ज
भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के साथ ही दस अन्य साथियों पर पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकी), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।