मुख्यमंत्री से मिलने गए संविदा कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को सीएम शिवराज सिंह ने अगले सप्ताह फैसला करने की बात कही है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री उन्हें परमानेंट करने का फैसला कर देंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भी कई बार मध्यप्रदेश से संविदा कल्चर खत्म कर दिया जाएगा।
विभागों से मांगी कर्मचारियों की जानकारी
चुनावी साल में मध्यप्रदेश के 91 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों को राज्य सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। सरकार ने सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। इस जानकारी में पूछा गया है कि कितने संविदा कर्मचारी हैं और क्या-क्या काम कर रहे हैं। इसे कर्मचारी परमानेंट करने की दिशा में सरकार का कदम मान रहे हैं।
चुनावी साल में मध्यप्रदेश के 91 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों को राज्य सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। सरकार ने सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। इस जानकारी में पूछा गया है कि कितने संविदा कर्मचारी हैं और क्या-क्या काम कर रहे हैं। इसे कर्मचारी परमानेंट करने की दिशा में सरकार का कदम मान रहे हैं।
सरकार ने विभागों से मांगे सुझाव
सरकार ने सभी विभागों को पत्र लिखकर संविदा कर्मचारियों की संख्या के साथ सुझाव भी मांगे हैं। शासन ने कहा है कि इसी हिसाब से तय होगा कि संविदा कर्मियों को क्या लाभ दिया जाए और कैसे दिया जाए।
सरकार ने सभी विभागों को पत्र लिखकर संविदा कर्मचारियों की संख्या के साथ सुझाव भी मांगे हैं। शासन ने कहा है कि इसी हिसाब से तय होगा कि संविदा कर्मियों को क्या लाभ दिया जाए और कैसे दिया जाए।
तीन विकल्पों पर हो रहा है विचार
सूत्रों के मुताबिक उच्च स्तरीय बैठक में तीन विकल्पों पर विचार किया गया। पहला यह कि दैनिक वेतन भोगियों की तरह उन्हें स्थाई कर दिया जाए। सरकार से मिलने वाली सुविधाएं और बढ़ा दी जाएं।
-सभी संविदा कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु नियमित कर्मचारियों की ही तरह कर दी जाए।
-उन्हें नई भर्तियों में प्राथमिकता और सीनियरटी का लाभ देने के साथ ही बोनस अंक दिए जाएं। इसके अलावा स्थाई कर्मचारी बनाने के साथ ही उन्हें समान कार्य समान वेतन फार्मूले से जोड़ दिया जाए।
सूत्रों के मुताबिक उच्च स्तरीय बैठक में तीन विकल्पों पर विचार किया गया। पहला यह कि दैनिक वेतन भोगियों की तरह उन्हें स्थाई कर दिया जाए। सरकार से मिलने वाली सुविधाएं और बढ़ा दी जाएं।
-सभी संविदा कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु नियमित कर्मचारियों की ही तरह कर दी जाए।
-उन्हें नई भर्तियों में प्राथमिकता और सीनियरटी का लाभ देने के साथ ही बोनस अंक दिए जाएं। इसके अलावा स्थाई कर्मचारी बनाने के साथ ही उन्हें समान कार्य समान वेतन फार्मूले से जोड़ दिया जाए।
बड़े विभाग, जहां सर्वाधिक संविदा कर्मी जनजातीय 42,646
स्वास्थ्य 23,155
पंचायत एवं ग्रामीण विकास 8,193
ऊर्जा 6, 303
स्कूल शिक्षा 384
महिला एवं बाल विकास 1,589
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी 1,227 सीएम से मिला प्रतिनिधमंडल
इधर, सीएम ने संविदा कर्मचारियों की मांगों पर अगले सप्ताह कोई फैसला करने का आश्वासन दिया। उनसे मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में बीएमएस के पदाधिकारियों के साथ मध्यप्रदेश संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के कर्मचारी नेता भी शामिल थे।
स्वास्थ्य 23,155
पंचायत एवं ग्रामीण विकास 8,193
ऊर्जा 6, 303
स्कूल शिक्षा 384
महिला एवं बाल विकास 1,589
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी 1,227 सीएम से मिला प्रतिनिधमंडल
इधर, सीएम ने संविदा कर्मचारियों की मांगों पर अगले सप्ताह कोई फैसला करने का आश्वासन दिया। उनसे मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में बीएमएस के पदाधिकारियों के साथ मध्यप्रदेश संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के कर्मचारी नेता भी शामिल थे।
सीएम हाउस के बाहर हंगामा
इधर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर होने वाली संविदा महापंचायत को अचानक स्थगित करने से कर्मचारी नाराज हो गए। इसके पीछे मुख्यमंत्री का कर्नाटक चुनाव में अतिव्यस्त रहना बताया जा रहा था। इससे गुस्साए संविदा कर्मचारियों के संगठन मुख्यमंत्री निवास पर प्रदर्शन करने पहुंच गए। शुक्रवार को जब संविदा कर्मचारी के दो संगठन सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचे थे। एक संगठन को सीएम ने मिलने के लिए भीतर बुला लिया। इससे नाराज दूसरे संगठन के लोगों ने हंगामा कर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने समझा कर वापस भेज दिया।
इधर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर होने वाली संविदा महापंचायत को अचानक स्थगित करने से कर्मचारी नाराज हो गए। इसके पीछे मुख्यमंत्री का कर्नाटक चुनाव में अतिव्यस्त रहना बताया जा रहा था। इससे गुस्साए संविदा कर्मचारियों के संगठन मुख्यमंत्री निवास पर प्रदर्शन करने पहुंच गए। शुक्रवार को जब संविदा कर्मचारी के दो संगठन सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचे थे। एक संगठन को सीएम ने मिलने के लिए भीतर बुला लिया। इससे नाराज दूसरे संगठन के लोगों ने हंगामा कर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने समझा कर वापस भेज दिया।
यह है खास
-अब तक 41 विभागों ने अपने-अपने विभागों की जानकारी भेज दी है, जिसमें बताया गया है कि उनके यहां कितने संविदा कर्मी हैं।-जेल विभाग और धार्मिक एवं धर्मस्व एक-एक ही संविदा कर्मी हैं। खनिज विभाग और श्रम विभाग ने कहा कि उनके यहां कोई नहीं है।
-अब तक 41 विभागों ने अपने-अपने विभागों की जानकारी भेज दी है, जिसमें बताया गया है कि उनके यहां कितने संविदा कर्मी हैं।-जेल विभाग और धार्मिक एवं धर्मस्व एक-एक ही संविदा कर्मी हैं। खनिज विभाग और श्रम विभाग ने कहा कि उनके यहां कोई नहीं है।
यह है संविदा कर्मचारियों की मांग
संविदा कर्मियों के संगठन मध्यप्रदेश संविदा संयुक्त संघर्ष मंच ने शासन से मांग की है कि उन्हें न केवल नियमित किया जाए, बल्कि वर्षों से किसी न किसी वजह अथवा अनियमितता के आरोप लगाकर हटाया जा रहा है। प्रदेश के 20 हजार संविदा कर्मियों को बहाल करने की भी मांग की गई।
संविदा कर्मियों के संगठन मध्यप्रदेश संविदा संयुक्त संघर्ष मंच ने शासन से मांग की है कि उन्हें न केवल नियमित किया जाए, बल्कि वर्षों से किसी न किसी वजह अथवा अनियमितता के आरोप लगाकर हटाया जा रहा है। प्रदेश के 20 हजार संविदा कर्मियों को बहाल करने की भी मांग की गई।