
भोपाल. हरिद्वार लोकमान्य तिलक टर्मिनस ट्रेन से हरिद्वार से कल्याण जा रहे उदासी अखाड़ा के महंत मोहनदास के लापता होने की खबर है। ट्रेन 17 सितंबर को सुबह 8.40 बजे कल्याण स्टेशन पर पहुंच गई, लेकिन महंत ट्रेन में नहीं थे। बर्थ पर केवल उनका सामान था, जिसे कल्याण में महंत दामोदरदास ने उतार लिया। उनके बारे में अन्य अखाड़े से जुड़े लोगों के पास भी सूचना नहीं है। अखाड़े के भक्त एवं बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने उनकी खोज के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सूचना दी है।
गौरतलब है कि हाल ही में जारी हुई फर्जी बाबाओं की सूची तैयार करने में उदासी अखाड़ा के महंत मोहनदास की अहम भूमिका रही है। अखाड़ा परिषद ने फर्जी संतों की ओर से उनका अपहरण किए जाने की आशंका व्यक्त की है। महंत मोहनदास के लापता होने की सूचना मिले पर अखाड़ा परिषद ने कनखल में जीरो पर एफआईआर दर्ज करने के बाद भोपाल भेज जा रही है।
जानकारी के अनुसार गाड़ी संख्या १२१७२ हरिद्वार लोकमान्य तिलक टर्मिनस १५ सितंबर को ७.३० घंटे देरी से रात २.२० बजे हरिद्वार से कल्याण के लिए रवाना हुई। सुबह ७.४० बजे हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पहुंची। ट्रेन के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से निकलने के बाद महंत अपनी सीट पर नहीं पहुंचे।
भोपाल स्टेशन पर आरपीएफ ने खंगाले फुटेज
ट्रेन लगभग नौ घंटे की देरी से शनिवार की रात १९.४० बजे भोपाल स्टेशन पर पहुंची। रविवार की सुबह जब महंत के लापता होने की खबर पुलिस, प्रशासन और रेलवे की सुरक्षा एजेंसियों के पास पहुंची, तब भोपाल रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों में फुटेज खंगाले गए, लेकिन टे्रन के किसी भी कोच से कोई साधु जैसा व्यक्ति उतरता हुआ नहीं दिखाई दिया।
टीटीई की भूमिका संदिग्ध
यहां ट्रेन में चल रहे टीटीई की लापरवाही सामने आ रही है। एक स्टेशन निकलने के बाद जब महंत मोहनदास सीट पर नहीं पहुंचे तो उसे इसकी सूचना जिम्मेदार लोगों को देनी थी। ऐसे में जानकारी लगने पर इस तरह की अफवाह नहीं फैलती।
कोच अटेंडर ने कहा-निजामुद्दीन में उतर गए
जीआरपी एसपी अनीता मालवीय का कहना है कि सूचना मिलने तक ट्रेन भुसावल पहुंच गई थी। वहां जवानों को भेजा, तो कोच अटेंडर ने बताया, महंत हजरत निजामुद्दीन स्टेशन निकलने के बाद ट्रेन में आए ही नहीं।
Updated on:
18 Sept 2017 12:41 pm
Published on:
18 Sept 2017 11:12 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
