environment day- विश्व पर्यावरण दिवस पर पृथ्वी सम्मेलन आयोजित...
भोपाल। सिविल सर्विसेज क्लब की ओर से मंगलवार को मौलाना आजाद सेंट्रल लाइब्रेरी में पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन किया गया। आयोजित इस सम्मेलन में 60 चयनित युवा वक्ताओं ने भाग लिया। युवा पर्यावरणविद अंकिता यादव की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन की थीम भविष्य के लिए पानी थी। सम्मेलन में युवाओं ने बारिश की हर बूंद को कैसे बचाया जाए? दैनिक जीवन में पानी का दुरुपयोग कैसे रोकें? और भविष्य में पानी की उपलब्धता कैसे सुनिश्चित करें? जैसे विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।
पृथ्वी सम्मेलन 2018 के संयोजक लक्ष्मी शरण मिश्रा ने बताया कि भारत दुनिया के उन चुनिन्दा भाग्यशाली देशों में शामिल है जहां हर साल लोगों की जरूरत से ज्यादा पानी बरसता है। भारत में "जल संकट" पानी की कमी के कारण नहीं, बल्कि पानी के गलत प्रबंधन के कारण पैदा हुआ है। हजारों साल से भारत में बाढ़ और सूखे दोनों पड़ते रहे हैं पर पहले लोग इन दोनों विपदाओं के बीच जीने की तरकीब जानते थे जिससे अब लोग लगभग अनजान हो गए हैं।
सम्मेलन में युवाओं द्वारा दिए गए प्रमुख सुझाव
- अब बिजली के मीटर की तरह हर घर में एक "वाटर मीटर" भी लगाया जाना चाहिए जिसमें पानी के उपयोग पर फ्लेक्सी चार्जेस लिए जाएं। घरों में पानी की रिसाइकलिंग शुरू करें
- दैनिक उपयोग की हर चीज पर अब हमें "वाटर फुट प्रिंट' का उल्लेख करना चाहिए, ताकि उस उत्पाद का उपयोग कर रहे व्यक्ति को पता चले की इस प्रोडक्ट को बनाने में कितने पानी इस्तेमाल हुआ है।
- अब हमें ज्यादा पानी वाली फसलें भारत में उगाना बंद कर देना चाहिए, उसकी बजाए हमें उन्हें दूसरे देशों से आयात कर लेना चाहिए, चीन इस तरीके से अपने देश के सीमित जल को बड़ी मात्रा में बचा रहा है।
- देश में बोरिंग पर तुरंत रोक लगा देनी चाहिए। किसी भी तरीके से भूमिगत जल को निकालना एक अपराध घोषित कर देना चाहिए।
- हर नदी के रास्ते में 50 -50 किलोमीटर पर वाटर रिजरवायर बनाने चाहिए ताकि बारिश के दौरान इन नदियों में बेकार बह जाने वाला पानी भविष्य के उपयोग के लिए रोका जा सके।