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पिछले सालों के मुकाबले इस साल दिसम्बर में न्यूनतम तापमान की चाल धीमी

- इस साल दिसम्बर में अब तक सिर्फ एक दिन ही सामान्य के करीब पहुंच पाया न्यूनतम तापमान, आमतौर पर दिसम्बर की शुरुआत के साथ ही सर्दी के तेवर होने लगते हैं तीखे

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भोपाल/ सर्दी का सीजन शुरू हो गया है, लेकिन इस साल दिसम्बर में सर्दी के तेवर पिछले सालों की तुलना में कम है। आमतौर पर दिसम्बर की शुरुआत के साथ ही शहर में तेज सर्दी का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन दिसम्बर के ११ दिन बीतने के बावजूद भी कडक़ड़ाती सर्दी का अहसास नहीं हो रहा है, हांलाकि १५ दिसम्बर के बाद तेज सर्दी की उम्मीद जताई जा रही है। अब तक की बात करे तो पिछले सप्ताह उत्तरी हवाओं के कारण थोड़ी सर्दी तो पड़ी लेकिन अब तक न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक ही बना हुआ है। सिर्फ 6 दिसम्बर को तापमान सामान्य के करीब पहुंचा था।

पिछले सालों दिसम्बर के शुरुआती दिनों में न्यूनतम तापमान की स्थिति

- 7 दिसम्बर 2013 9.6 डिग्री
- 7 दिसम्बर 2014 10.9 डिग्री
-6 दिसम्बर 2015 10.8 डिग्री
-5 दिसम्बर 2016 9.5 डिग्री
-10 दिसम्बर 2017 10.4 डिग्री
- 10 दिसम्बर 2018 11 डिग्री
- इस साल 6 दिसम्बर 11.8 डिग्री

नवम्बर के आखिरी सप्ताह में शहर में गुलाबी सर्दी का दौर शुरू हो जाती है, वहीं दिसम्बर की शुरुआत के साथ ही तेज सर्दी का अहसास होने लगता है। दिसम्बर के पहले पखवाडे की बात करे तो अब तक दिसम्बर में चार पांच दिन जरुर सर्द हवाओं के कारण सर्दी रही है, लेकिन अब तक न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे नहीं पहुंचा है। पिछले 11 दिनों में सिर्फ एक ही दिन तापमान 11.8 डिग्री पर पहुंचा था, जो सामान्य के करीब था, बाकि दिनों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री अधिक ही रहा है। इसके कारण कडकड़़ाती सर्दी का अहसास लोगों को नहीं हो पा रहा है।

आर्द्रता और प्रतिचक्रवात के कारण हो रहा एेसा

मौसम विज्ञानी एके शुक्ला का कहना है कि इस साल आद्र्रता ज्यादा है, साथ ही मध्यभारत में प्रतिचक्रवात की स्थिति भी बार-बार बन रही है। इसके कारण हवा का रूख उत्तरी नहीं हो पा रहा है। इसलिए इस साल न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। इसके साथ ही बार-बार पश्चिमी विक्षोभ भी आ रहे है, इसका भी असर है। अभी एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर में सक्रिय है। इससे उम्मीद थी कि तापमान में तेज गिरावट आएगी, लेकिन १५ के बाद एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जिससे बहुत ज्यादा तेज गिरावट होने के आसार नहीं है।

आगे बढ़ेगी सर्दी, पिछले साल जैसा ही नेचर

मौसम विज्ञानी उदय सरवटे का कहना है कि इस बार लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिसम्बर में न्यूनतम तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। अगर देखा जाए तो पिछले साल भी इसी तरह की स्थिति थी, पिछले साल भी १७ सितम्बर को शीत लहर आई थी, इस साल भी १५ के बाद तापमान में गिरावट होने की उम्मीद है। सर्दी की पीक अवधि १५ दिसम्बर से १५ जनवरी तक होती है।