
मध्यप्रदेश विधानसभा : आदमी एक - पेंशन अनेक
भोपाल. मध्यप्रदेश के दर्जनों विधायक महज पेंशन से ही मालामाल हो रहे हैं, क्योंकि एक कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा विधायक बनने पर हर साल उनकी पेंशन में 800 रुपए की बढ़ोतरी होती है, वहीं हर कार्यकाल को पूरा करने के बाद पेंशन में 4 हजार रुपए की बढ़ोतरी हो जाती है, ऐसे में ये कहना कम नहीं होगा कि विधायक की कुर्सी ऐसी होती है जो नहीं रहने के बाद भी विधायक को हजारों रुपए की पेंशन के साथ कई सुविधाएं जीवन भर देती है, ऐसे में भले ही सरकारी खजाना खाली हो जाए, लेकिन विधायकों की जेब हमेशा भरती रहेगी।
पंजाब सरकार देगा अब एक कार्यकाल की पेंशन
दरअसल, सरकारी खजाने पर बढ़ते बोझ को देखते हुए पंजाब सरकार ने अहम निर्णय लिया है, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पूर्व विधायकों की पेंशन में बदलाव करते हुए सिर्फ एक कार्यकाल की पेंशन देने का निर्णय लिया है। ऐसे में मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां हर कार्यकाल के बाद विधायकों की पेंशन बढ़ती जाती है। ऐसे में कई विधायकों को 5 से 8 कार्याकाल की पेंशन मिल रही है। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार को भी विधायकों पर सरकारी खजाना लुटाने की अपेक्षा उस राशि को विकास कार्य में लगाना चाहिए।
ऐसे मिलती है विधायकों को मोटी पेंशन
मध्यप्रदेश में पूर्व विधायकों को हर माह करीब 35 हजार रुपए पेंशन मिलती है, उनका एक कार्यकाल पूरा होने के बाद दूसरे कार्यकाल में उन्हें हर साल 800 रुपए की बढ़ोतरी मिलती है, ऐसे में अगर कोई विधायक दो कार्यकाल पूरे कर लेते हैं, तो उन्हें करीब 39 हजार रुपए पेंशन मिलती है, इसके बाद वे जितने कार्यकाल पूरे करते हैं, उनकी पेेंशन में हर बार 4 हजार रुपए की बढ़ोतरी होती जाती है। आश्चर्य की बात तो यह है कि मध्यप्रदेश में अगर कोई विधायक एक दिन भी विधायक रह जाता है, तो उसे जीवन भर पेंशन मिलती है, उसकी मौत के बाद ये पेंशन उसकी पत्नी को मिलती है, इसलिए विधायक बनने के लिए नेता सारे जतन करते हैं, ताकि कुर्सी रहने पर तो कमाई होती ही है, लेकिन कुर्सी जाने के बाद भी जीवन मौज से कटता है।
हर माह मिलते हैं सवा लाख रुपए
विधायकों को केवल हर माह करीब सवा लाख रुपए तो विभिन्न भत्तों के नाम पर मिलते हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे प्रदेश में करीब 230 विधायकों पर सरकार कितनी खर्च कर रही है।
-35 हजार निर्वाचन क्षेत्र भत्ता
-10 हजार टेलीफोन भत्ता
-10 हजार चिकित्सा भत्ता
-15 हजार अर्दली-ऑपरेटर के
-10 हजार लेखन-डाक भत्ता
मध्यप्रदेश में मंत्री और विधायक ले रहे कई बार की पेंशन
मध्यप्रदेश में प्रमुख दलों के कई विधायक व पूर्व विधायक कई बार की पेंशन ले रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान विधायक सीतारमण शर्मा-5, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा-6, पूर्व मंत्री गोविंद सिंह-7, पूर्व मंत्री केपी सिंह-6, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव-7, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम-4, केेदारनाथ शुक्ला -4 बार विधायक रहे हैं। इन्हें इनके कार्यकाल के हिसाब से ही पेंशन मिल रही है।
मध्यप्रदेश में विधायक को एक कार्यकाल पूरा करने के बाद 35 हजार रुपए मासिक पेंशन मिलती है। इसके बाद अगले कार्यकाल में 800 रुपए साल के अनुसार पेंशन बढ़कर मिलती है, अगर विधायक दूसरा कार्यकाल पूर्ण करता है तो 4 हजार रुपए पेंशन बढ़ जाती है। विधानसभा में एक दिन का भी कार्यकाल पूरा करने वाले विधायक को भी एक पूरी पेंशन का अधिकार है।
-वीरेंद्र कुमार, एडिशनल सेक्रेट्री, विधानसभा
Updated on:
28 Mar 2022 02:44 pm
Published on:
28 Mar 2022 02:26 pm
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