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1700 से ज्यादा लोंगों के अटके ‘बंटवारा-नामांतरण’, काम बंद

MP News: कामबंदी के चौथे दिन तक करीब 1762 मामले लंबित हैं.....

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: पंजीयन के लिए संपदा 2.0 यानी वेब जीआइएस 2.0 पोर्टल पर ओटीपी न आने से जिले के पटवारियों ने काम बंद रखा है। कामबंदी के चौथे दिन तक करीब 1762 मामले लंबित हैं। नामांतरण, बंटान और बंटवारा जैसे काम न होने से लोग परेशान हैं। इस संबंध में भू-अभिलेख के अफसरों के साथ संभागायुक्त संजीव सिंह ने पटवारियों के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा की। लेकिन बात ओटीपी पर आकर अटक गई। इसलिए अब पुश नोटिफिकेशन, क्यूआर कोड को ओटीपी का विकल्प मानकर व्यवस्था बनाने के बारे में मंथन चल रहा है।

ओटीपी की सिरदर्दी

ओटीपी से परेशान पटवारी परेशान हैं। रजिस्ट्री की ऑनलाइन प्रक्रिया में भी ओटीपी की परेशानी आती है। सर्विस प्रोवाइडर्स पंजीयन विभाग से इस संबंध में आपत्ति जता चुके हैं।

वन टाइम पासवर्ड उपयोगकर्ता के वेरिफिकेशन का सबसे प्रचलित माध्यम है। एटीएम, बैंकिंग, फार्म जमा करने में तो ठीक है, लेकिन जब कोई रजिस्ट्रेशन या इसी तरह का काम होता है और एक से अधिक लोग शामिल होते हैं तो दिक्कत आती है। इसके कई नए विकल्प है, काम की स्थिति और प्रकृति के अनुसार इनका उपयोग किया जा सकता है।- सुशांत अग्रवाल, आईटी एक्सपर्ट

ये करें तो मिलेगी राहत

-पुश नोटिफिकेशन आधारित सत्यापन के तहत मोबाइल पर एक नोटिफिकेशन आता है। इसमें स्वीकार, अस्वीकार का विकल्प होता है। यह ओटीपी से अधिक सुविधा जनक है। क्योंकि, इसमें कोड डालने की आवश्यकता नहीं होती। बैंकिंग एप्स इसका इस्तेमाल करते हैं।

-क्यूआर कोड-आधारित सत्यापन में क्यूआर कोड को स्क्रीन पर दिखाया जाता है। इसे उपयोगकर्ता अपने स्मार्टफोन से स्कैन करता है। स्कैन करने के बाद, एप अपने आप लॉगिन की पुष्टि कर देता है। यह बिना कोई कोड डाले सत्यापन का एक सुरक्षित और तेज तरीका है।

ओटीपी से ऐसे बन रहे विवाद

भोपाल समेत प्रदेशभर के पटवारियों ने 1 सितंबर से वेब जीआइएस के तहत काम करना बंद कर दिया है।