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एमपी के एक हजार से ज्यादा अफसर सरकार के निशाने पर, कभी भी गिर सकती है कार्रवाई की गाज

Officers of MP- एमपी के एक हजार से ज्यादा अफसर सरकार के निशाने पर हैं। इन सभी पर कभी भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

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More than one thousand revenue officers of MP on government's target

More than one thousand revenue officers of MP on government's target

Officers of MP- एमपी के एक हजार से ज्यादा अफसर सरकार के निशाने पर हैं। इन सभी पर कभी भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। प्रदेश के सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर सोमवार को ही कार्रवाई की जा सकती है। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ) के तत्वावधान में ये अधिकारी कई दिनों से सामान्य कामकाज नहीं निपटा रहे हैं। सरकार के एक फैसले से नाराज चल रहे इन राजस्व अधिकारियों ने आपदा प्रबंधन से संबंधित कामों को छोड़कर अन्य कोई काम नहीं करने की बात कही है। 6 अगस्त से ही पूरे प्रदेश में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की यही स्थिति है लेकिन अब सरकार सख्ती के मूड में दिख रही है। अवर सचिव संजय कुमार सभी कमिश्नरों को कार्रवाई के निर्देश दे चुके हैं।

कार्य विभाजन से संबंधित फैसले का विरोध जताते हुए प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपने नियमित राजस्व संबंधी कामकाज नहीं कर रहे हैं। इससे आमजन को खासी दिक्कत हो रही है।

तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रदेश के राजस्व विभाग के जमीनी अधिकारी माने जाते हैं। इनके द्वारा सामान्य कामकाज नहीं करने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इससे आमजनों के जमीन संबंधी सभी काम अटक गए हैं। नामांतरण, बंटवारे आदि के मामले बड़ी संख्या में पेंडिंग पड़े हैं।

बताया जा रहा है कि भोपाल जिले में ही 2 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग हैं। प्रदेशभर में 90 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग हो चुके हैं। राजस्व मामलों की बढ़ती पेंडेंसी और आम जनों की दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने सख्त तेवर अख्तियार कर लिए हैं।

ऐसे तहसीलदारों और नायब त​हसीलदारों की संख्या 1100 से ज्यादा

अवर सचिव संजय कुमार प्रदेश के सभी कमिश्नरों को कार्रवाई के निर्देश दे चुके हैं। इसके लिए सिविल सेवा नियमों का हवाला भी दिया। वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि सोमवार से इन सभी अधिकारियों को नोटिस देने की कार्रवाई की जाएगी। प्रदेशभर के ऐसे तहसीलदारों और नायब त​हसीलदारों की संख्या 1100 से ज्यादा है जोकि अभी तक सामान्य कामकाज पर नहीं लौटे हैं।

दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही और अनुशासनहीनता

बता दें कि इंदौर में कलेक्टर आशीष सिंह ने सामान्य काम नहीं कर रहे जिले के 42 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का 1 दिन का वेतन काटने का आदेश पहले ही जारी कर दिया है। उन्होंने इसे अधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही और अनुशासनहीनता माना है।