
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News:मध्य प्रदेश के 7.50 लाख अधिकारी, कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मियों की तरह अवकाश मिलेंगे। सरोगेसी से मां बनने वाली कर्मियों, संतान गोद लेने वाले शासकीय सेवक और एकल पुरुष कर्मियों को भी संतान पालन के लिए अवकाश मिलेगा। अर्जित अवकाश की पात्रता 120 की जगह 180 दिन होगी। 10 हजार से ज्यादा एसटी, एससी छात्रों को 10 माह की जगह पूरे साल (12 महीने) शिष्यवृत्ति मिलेगी। मेक इन इंडिया के तहत बैरसिया में 371.95 करोड़ से इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर (इएमसी) 2.0 और शोध केंद्र की स्थापना की जाएगी।
सागर, शहडोल, नर्मदापुरम, मुरैना व बालाघाट में आयुर्वेद कॉलेजों की स्थापना के लिए 1570 पदों पर भर्ती होगी तो भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग खुलेगा। ये अहम निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए।
एसटी, एससी वर्ग के छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए 10 महीने तक शिष्यावृत्ति मिलती है। छात्रों को प्रति माह 1650 तो छात्राओं को 1700 मिलते हैं। आदिवासी क्षेत्रों से मांग आ रही थी कि 12महीने मिलना चाहिए।
मोहन सरकार ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 2025 में बदलाव किया है। शैक्षणिक संवर्ग के कर्मियों को एक साल में 10 दिन के अर्जित अवकाश का लाभ मिलेगा। दत्तक संतान ग्रहण करने के लिए 15 दिवस का पितृत्व अवकाश मिलेगा। अर्धवेतन अवकाश को अग्रिम रूप से अवकाश खाते में दर्ज किया जाएगा। यदि दिव्यांग कर्मी किसी कारणों से बगैर आवेदन के अवकाश लेते हैं तो वे या उनके परिवार के सदस्य बाद में भी आवेदन कर सकेंगे।
सागर, शहडोल, नर्मदापुरम, मुरैना और बालाघाट में आयुर्वेद कॉलेज खोलने के लिए जमीन आवंटन हो चुका है। प्रत्येक में 100 बिस्तर का अस्पताल, 100 सीट वाले छात्रावास, आवासीय भवन, फार्मेसी भवन के लिए 70.35-70.35 करोड़ का प्रावधान किया है। 715 नियमित और 855 आउटसोर्स पदों को मंजूरी दी है। इनमें वेलनेस सेंटर केंद्र भी खोले जाएंगे। इनके चालू होने से क्षेत्र की जनता को इलाज कराने में बड़ी मदद मिलेगी
Published on:
20 Aug 2025 11:18 am
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