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BJP ने हेमंत खंडेलवाल को ही क्यों चुना? समझें 2028-29 चुनावी रणनीति के 3 बड़े इशारे

MP BJP New state president: प्रदेश में 31 साल बाद पहली बार पार्टी की कमान वैश्य समाज से, RSS से गहरा नाता और भाजपा के पारंपरिक समर्थक हेमंत खंडेलवास को पार्टी का नया चेहरा बनाकर बीजेपी ने दिया बड़ा संदेश...

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MP BJP New State President

MP BJP New State President हेमंत खंडेलवाल भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष.(फोटो सोर्स: X)

MP BJP New State President Hemant Khandelwal: मध्य प्रदेश भाजपा ने हेमंत खंडेलवाल को अपना नया प्रदेशाध्यक्ष बनाकर साफ कर दिया है कि पार्टी अब संगठन को जमीन से जोड़ने और आने वाले विधानसभा चुनाव 2028 और लोकसभा चुनावों 2029 की तैयारी में अभी से पूरे दमखम के साथ करने में जुट गई है। हेमंत खंडेलवाल को यह जिम्मेदारी क्यों दी गई, इसके पीछे सिर्फ चेहरा बदलना ही एक वजह नहीं, बल्कि राजनीतिक संतुलन और रणनीति का बड़ा खेल है।

1. संगठन और सरकार के बीच सेतु बनेंगे खंडेलवाल

    BJP को ऐसे नेता की जरूरत थी जो न तो पूरी तरह सत्ता यानी सरकार का हो और न ही पूरी तरह संगठन से कट गया हो। हेमंत खंडेलवाल इसी बीच की कड़ी हैं। इनका व्यवहार कार्यकर्ताओं और नेतृत्व दोनों से सहज है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और संगठन मंत्री के बीच बेहतर तालमेल के लिए उन्हें आगे लाया गया है।

    2. वैश्य समुदाय को मजबूत प्रतिनिधित्व देने की कोशिश

      खंडेलवाल का संबंध वैश्य समाज से है, जो मध्यप्रदेश में भाजपा का पारंपरिक समर्थक तो है, लेकिन नेतृत्व में भागीदारी कम रही है। 31 साल के बाद ऐसा पहली बार है कि जब पार्टी इस वर्ग को राजनीतिक पहचान देकर 2028 और 2029 के लिए मजबूत संदेश देना चाहती है कि 'BJP सबको साथ लेकर, सबको साध कर चलती है।'

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      3. संघ से रिश्ते निभाने वाला चेहरा

        हेमंत खंडेलवाल का RSS से गहरा संबंध रहा है। वे अनुशासन, कार्यकर्ता-भावना और विचारधारा से जुड़े हुए नेता हैं। इससे पार्टी को यकीन है कि वे संगठन की रीढ़ बनकर जमीन पर पार्टी को मजबूत करेंगे और संघ के एजेंडे को भी संतुलित रूप से आगे बढ़ाएंगे।

        कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि हेमंत खंडेलवाल को प्रदेशाध्यक्ष बनाना BJP का रणनीतिक कदम है, जो सरकार और संगठन के संतुलन, जातीय संतुलन और RSS से तालमेल को मजबूत करता है। हेमंत का निर्विरोध चुना जाना सीधे तौर पर 2028 की विधानसभा चुनाव की बिसात है, जहां BJP फिर से शानदार बहुमत के साथ वापसी चाहती है।

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