
कभी सुधारा करते थे पंक्चर, अब मोदी सरकार में बने मिनिस्टर, डॉ. वीरेंद्र कुमार से जुड़ी ये बाते बहुत कम ही लोग जानते हैं
भोपाल/टीकमगढ़। अब तक के भारतीय इतिहास में एक चाय बनाने वाले नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचा था, लेकिन मोदी कैबिनेट में ही बुधवार शाम को होने जा रहे केन्द्रीय मंत्रीमंडल के विस्तार में एक ऐसे शख्स मंत्री पद संभालने जा रहे हैं, जिन्होंने बचपन से ही अपने पिता के साथ साइकिल के पंक्चर भी बनाए थे। सागर के पूर्व और टीकमगढ़ के मौजूदा सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार अपनी सादगी और सीधेपन के लिये न सिर्फ अपने जिले, अपने सूबे बल्कि देशभर में जाने जाते हैं। सांसद होने के बावजूद वो बजाज के पुराने हरे रंग के स्कूटर पर सफेद कुर्ता पजामा पहने शहर की गलियों में यूं ही घूमते नजर आ जाते हैं। यही लोगों से उनके संपर्क का तरीका भी है। जो देश के अन्य नेताओं से उनकी एक अलग पहचान बनाता है।
4 साल पहले भी मोदी कैबिनेट में लगभग तय था डॉ. वीरेंद्र कुमार का नाम
डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक का नाम इस बार फाइनली मोदी कैबिनेट की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। हालांकि, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में डॉ. वीरेंद्र कुमार मंत्री रह चुके हैं, लेकिन दूसरे कार्यकाल के चार साल पहले गठित हुए मंत्रीमंडल में डॉ. वीरेंद्र कुमार को जगह नहीं मिल सकी थी। फिलहाल, आज शाम 6 बजे टीम मोदी के अन्य सदस्यों के साथ साथ वीरेन्द्र कुमार भी मंत्रीपद की शपथ ग्रहण करेंगे। हालांकि, चार साल पहले भी हुए मोदी मंत्रीमंडल के विस्तार में डॉ. वीरेंद्र कुमार का नाम लगभग तय था, लेकिन किन्हीं कारणों से वो पिछली बार मंत्री नहीं बन सके थे। मोदी कैबिनेट में शामिल हो रहे वीरेंद्र कुमार के बारे में वो बातें जानते हैं, जो उन्हें देश के दूसरे नेताओं से अलग पहचान दिलाती हैं।
डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक के बारे में खास बातें
- सागर के कलेक्ट्रेट परिसर में उन्होंने जनता दरबार की शुरुआत की और इसी से उन्हें प्रसिद्धि मिली। प्रदेश के वनमंत्री गौरीशंकर शेजवार उनके जीजा हैं।
पिता के साथ बनाते थ पंचर, लेकिन दारी रखी पढ़ाई
- पंक्चर सुधारने से लेकर केंद्रीय मंत्री बनने तक का उनका सफर राजनीति में एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।
स्कूटर वाले नेता से भी जानते हैं अधिकतर लोग
- वीरेंद्र खटीक की एक और पहचान है, वो है उनका सालों पुराना स्कूटर।
- वीरेंद्र खटीक जब सागर सांसद थे, तो वो अकसर अपने पुराने स्कूटर पर ही घूमते नजर आते थे। उनकी यही सादगी उनकी पहचान बन गई है।
- वो सागर सांसद रहे हो या फिर मौजूदा टीकमगढ सांसद उनका स्कूटर अब भी अधिकतर उनके सांथ रहता है।
- कई कार्यक्रमों में स्कूटर से ही पहुंचते हैं, जबकि कार का इस्तेमाल दूर जाने के लिए ही किया करते हैं।
63 साल के वीरेंद्र कुमार छठी बार बने हैं सांसद, जेपी आंदोलन के दौरान 16 महीने काटी थी जेल
- वीरेंद्र कुमार टीकमगढ़ से छठी बार सांसद चुने गए हैं। अभी संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य हैं।
- जेपी आंदोलन के दौरान 16 महीने जेल काट चुके हैं। दलित समुदाय से आते हैं। अर्थशास्त्र में एमए और चाइल्ड लेबर में पीएचडी की है।
जीवन से जुड़े घटनाक्रम
- बीना में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान हुए लाठीचार्ज में घायल हो गए थे।
- इनके जनता दरबार में एक बुजुर्ग ने आत्मदाह कर ली थी।
Updated on:
07 Jul 2021 05:39 pm
Published on:
07 Jul 2021 05:36 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
