
विधानसभा चुनाव में राजधानी की विधानसभाओं में भी आधी आबादी का मुद्दा गायब है। महिला सुरक्षा, शिक्षण-प्रशिक्षण और रोजगार-स्वरोजगार जैसे मसलों पर कोई बात नहीं कर रहा। महिलाओं का कहना है कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नेताओं को आधी आबादी का वोट चाहिए तो महिला हित की बात करनी चाहिए। पत्रिका संवादाता ने राजधानी की नरेला विधानसभा की महिला मतदाताओं का चुनाव पर राय जाननी चाही। तब महिलाओं ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। पेश है ग्राउंड रिपोर्ट-
शाम के बाद घर से निकलना असुरक्षित
नरेला में जुआ-सट्टा और नशे का करोबार ज्यादा चलता है। इसलिए यहां क्राइम रेट ज्यादा है। ऐशबाग व अशोका गार्डन थानों के कई क्षेत्रों में शाम ढलने के बाद महिलाएं घरों से निकलना असुरक्षित मानती हैं। महिलाओं ने बताया आचार संहिता में सख्ती है फिर भी घरों के सामने से वाहन चोरी हो रहे हैं। ओल्ड सुभाष नगर के वार्ड 44 में बदमाश बच्चे को उठा ले जा रहे थे। अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
इशरत बोलीं-हमें भी चाहिए रोजगार
ऐशबाग में पुल बोगदा निवासी इशरत बानो कहती हैं हम महिलाओं के लिए काम नहीं है। नेताओं का ध्यान प्रशिक्षण और रोजगार पर नहीं है। लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई को समर्पित स्कूल नहीं हैं। फरत अफजा का स्कूल 5वीं तक है। वहां साफ टॉयलेट और पेयजल नहीं है।
शराबियों के बीच से निकलना मुश्किल
ऐशबाग क्षेत्र के वार्ड 41 स्थित बाग फरत अफजा निवासी सबीहा नजीर अहमद ने कहा क्षेत्र में महिला अपराध बहुत है। पुलिस भी नहीं सुनती। रेलवे फाटक बंद होने पर महिलाओं को बोगदा पुल पर आना-जाना पड़ता है। रेलवे ब्रिज बने तो राहत मिले। वे कहती हैं कलारी के आस-पास ठेले खड़े रहते हैं। ऐसे में शराबियों के बीच निकलना बड़ा मुश्किल है।
महिलाओं को परेशान करती हैं ये समस्याएं
- सुरक्षा का अभाव
- शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं
- मानसून में जल भराव तो बाकी में धूल-गंदगी
- बच्चियों के लिए आदर्श स्कूल
- जगह-जगह खुली कलारियां और नशेड़ी
Updated on:
07 Nov 2023 07:24 am
Published on:
07 Nov 2023 07:22 am
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