
किसानों को मखाना उत्पादन के लिए हजारों रुपए देगी सरकार
Makhana- मध्यप्रदेश में किसानों के हित में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। इसमें एक और कड़ी जुड़ी है। प्रदेश में बिहार की तर्ज पर मखाना की खेती की जा रही है। राज्य के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने बताया कि इस फसल के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मखाना उत्पादन के लिए प्रदेश सरकार उन्हें प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपए देगी। अभी प्रदेश के चार जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह योजना लागू की जा रही है।
सूखे मेवों में मखाने की बात ही अलग है। यह सफेद और गोल फल कुरकुरा व स्वादिष्ट होता है। देश के लोग तो मखाने के अनूठे स्वाद का लुत्फ उठाते ही हैं, अरब और यूरोपीय देशों में भी इसकी जबर्दस्त डिमांड है। बिहार में इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है जहां मखाने के बीज को फल का स्वरूप देने के लिए छोटी-छोटी उत्पादन इकाइयां लगी हैं।
अब मध्यप्रदेश में मखाने की खेती और उत्पादन बढ़ाने की कवायद की जा रही है। प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने बताया कि प्रदेश में बिहार की तर्ज पर मखाना की खेती की जाएगी। इसके लिए राज्य के 4 जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी में पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है।
मखाने का उत्पादन सिंघाड़ा के समान छोटे-छोटे तालाबों में किया जाता है। मंत्री नारायणसिंह कुशवाह ने कहा कि प्रदेश के इन चारों जिलों को इसी खासियत के कारण चुना गया है। यहां की जलवायु भी मखाना के उत्पादन के लिए अनुकूल है।
राज्य के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण आयुक्त अरविन्द दुबे के अनुसार नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा एवं सिवनी जिले में कुल 150 हैक्टेयर क्षेत्र में मखाना उत्पादन का लक्ष्य है। इस पर 45 लाख रूपए खर्च किए जाएंगे। खास बात यह है कि मखाना उत्पादन करने वाले किसानों को 75 हजार प्रति हैक्टेयर या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
बता दें कि मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने मखाना बोर्ड का गठन भी किया है। मध्यप्रदेश के 99 किसानों ने मखाना की खेती में रुचि दिखाते हुए ऑनलाइन आवदेन किया है।
Published on:
11 Nov 2025 09:16 pm
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