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अब जल्द भरेगी सूनी गोद , IVF और सरोगेसी को मिली ‘लोक सेवा गारंटी’

MP Government: सरकार ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की पांच नई सेवाओं को लोक सेवा गारंटी में शामिल किया है। अब स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार एमटीपी एक्ट के तहत नए केंद्र, नए आइवीएफ सेंटर और सरोगेसी केंद्र के पंजीयन में लेट लतीफी नहीं कर सकेंगे...

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MP government: आइवीएफ और सरोगेसी को बढ़ावा देगी एमपी सरकार. (फोटो सोर्स: एआई पत्रिका)

MP Government: स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अब एमटीपी एक्ट के तहत नए केंद्र, नए आइवीएफ सेंटर और सरोगेसी केंद्र के पंजीयन में लेटलतीफी नहीं कर सकेंगे। सरकार ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की पांच नई सेवाओं को लोक सेवा गारंटी में शामिल कर दिया है। अब आवेदकों को यह सेवाएं तय समय सीमा में देना होंगी। नि:संतान दंपतियों की गोद भरने वाले आइवीएफ और सरोगेसी सेंटर लगातार बढ़ रहे हैं। इनके पंजीयन या नवीनीकरण के आवेदन में महीनों का समय लग रहा था। बढ़ती शिकायतों पर सरकार ने यह फैसला लिया है।

आवेदनों का समय पर करना होगा निराकरण

अब लेटलतीफी पर जिम्मेदारी अधिकारी, अपीलीय अधिकारी और सेवा प्रदान करने की समय-सीमा तय कर दी गई है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत अगर कोई अधिकारी समय सीमा में सेवा प्रदान नहीं करता है, तो उन पर 250 रुपए से लेकर 5000 रुपए प्रति दिन तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना उस व्यक्ति को क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाता है जिसकी सेवा में देरी हुई है।

लोक सेवा गारंटी में शामिल हुई ये सेवाएं

1. गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम और नियम में नए पंजीयन: इसके लिए 30 दिन की समय सीमा है और सीएमएचओ को जिम्मेदार बनाया गया है। इसके लिए प्रथम अपीलीय अधिकारी कलेक्टर और द्वितीय आयुक्त स्वास्थ्य हैं।

2. सहायता प्राप्त जननीय प्रौद्योगिकी विनियमन अधिनियम में नए पंजीयन: इसके लिए 45 दिन की समय सीमा के साथ कलेक्टर को जिम्मेदार बनाया है। प्रथम अपीलीय अधिकारी संभागायुक्त और द्वितीय आयुक्त स्वास्थ्य हैं।

3. सहायता प्राप्त जननीय प्रौद्योगिकी विनियमन अधिनियम में केन्द्रों के पंजीयन का नवीनीकरण: इसके निराकरण के लिए 30 दिन की समय सीमा तय की गई है।

4. सरोगेसी विनियमन अधिनियम अंतर्गत नए केन्द्रों का पंजीयन: इसके लिए 45 दिन की समय सीमा तय।

5. सरोगेसी विनियमन अधिनियम अंतर्गत केन्द्रों के पंजीयन का नवीनीकरण: इसके लिए समय सीमा 30 दिन तय की गई है। जिम्मेदार अधिकारी उपरोक्तानुसार ही हैं।

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