
MP Tourism: क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी को प्रदेश का मिनी कश्मीर कहा जाता है। सात पहाड़ियों पर बसा होने के कारण इसे सतपुड़ा (सात पहाड़) की रानी भी कहा जाता है। यहां हर साल लाखों की संख्या में टूरिस्ट पहुंचते हैं। खास होता है नए साल का आगाज…, प्राकृतिक सुंदरता के बीच यहां आयोजित किया जाने वाला पचमढ़ी महोत्सव इन पलों को टूरिस्ट के लिए बेहद खास बना देता है। जिला प्रशासन की ओर से हर साल आयोजित किया जाने वाला पचमढ़ी महोत्सव इस बार फिर टूरिस्ट के लिए यादगार रहने वाला है। क्या आप भी आ रहे हैं एमपी के मिनी कश्मीर पचमढ़ी… अगर हां तो यहां जानें पचमढ़ी महोत्सव की खासियत और कहां जाएं घूमने…
नर्मदापुरम जिले में स्थित पचमढ़ी एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है। इन दिनों पचमढ़ी में फेस्टिव सीजन रहता है। 7 दिन का पचमढ़ी महोत्सव टूरिस्ट के आकर्षण का केंद्र होता है। 26 दिसंबर 2024 यानी कल गुरुवार से यहां फेस्टिव वीक शुरू हो जाएगा, जो 1 जनवरी 2025 तक मनाया जाएगा। इस फेस्टिव वीक में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल (MP Famous Tourist Place) पचमढ़ी ( Pachmarhi) में ‘पचमढ़ी महोत्सव' ( Pachmarhi Mahotsav) का आयोजन होगा. यह फेस्टिवल 26 दिसंबर, 2024 से 1 जनवरी 2025 तक एक सप्ताह तक मनाया जाएगा, जिसमें एडवंचरल एक्टिविटीज (Adventure Activities) से लेकर एमपी के कल्चरल ईवेंट्स (Cultural Events) टूरिस्ट का मजा दोगुना कर देते हैं।
मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (MP Toursim Board) के अधिकारियों का कहना है कि इस बार पचमढ़ी महोत्सव 2024-25 पर्यटन, संस्कृति और साहसिक गतिविधियों का अद्वितीय संगम साबित होगा और पर्यटकों के लिए यादगार पल प्रदान करेगा।
पर्यटक स्टार गेजिंग, बर्ड वॉचिंग, पोलो गार्डन ट्रेल, नेचर वॉक, ट्रैकिंग, पचमढ़ी ऑन साइक्लिंग, बटरफ्लाई पार्क एक्टिविटी, टेम्पल वॉक, हैरिटेज वॉक, बोन फायर नाइट
केम्पिंग, नाइट ट्रैकिंग, रॉक आर्ट पेंटिंग वॉक, फूड फेस्टिवल (पारंपरिक एवं मिलेट्स), आर्मी बेंड प्रस्तुति, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति, अन्य उत्पादों की प्रदर्शनी, पचमढ़ी रन, बॉलीवुड सिंगर इशिता विश्वकर्मा के गीतों की प्रस्तुति, जुम्बा एवं एक शाम संगीत के नाम जैसे ईवेंट्स आयोजित किए जाएंगे।
बी फॉल्स: पचमढ़ी का बी फॉल्स एक प्राकृतिक वॉटर फॉल है। पहाड़ों और घने जंगलों के बीच पानी की सफेद धाराओं को गिरते देखना अपने आप में ही बेहद रोमांचक पल बन पड़ता है। जीप में सवार होकर आप आसानी से यहां पहुंचकर अपने कैमरे या मोबाइल से फोटो क्लिक कर सकते हैं।
जटा शंकर की गुफाएं एक पौराणिक कहानी सुनाती हैं। माना जाता है कि ये गुफाएं ही थीं जब भगवान शिव भस्मासुर के क्रोध से बचने के लिए यहां छिप गए थे। कहा जाता है कि गुफाओं में एक बड़ी चट्टान की छाया में छिपा हुआ एक प्राकृतिक शिवलिंग है, वास्तव में वही भगवान शिव हैं। इसलिए इन गुफाओं को पवित्र माना जाता है।
पचमढ़ी बस स्टेशन से 1.5 किलोमीटर दूर स्थित गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए टूरिस्ट को पहले एक किलोमीटर का ट्रेक पार करना होगा और फिर कुल 150 सीढ़ियां उतरनी होती हैं।
पांडव गुफा कई बौद्ध मंदिरों का घर है जो आसपास की चट्टानों में ही उकेरे गए हैं। अगर आपको धार्मिक स्थल ज्यादा रास आते हैं, तो ये गुफाएं आपको जरूर अट्रैक्ट करेंगी। पौराणिक कथा के मुताबिक जब पांचों पांडवों को उनकी मातृभूमि से भगा दिया गया था, तो यहां के मंदिर और गुफाएं ही उनकी शरण स्थली बने। मंदिरों का निर्माण नौवीं शताब्दी में किया गया था और उनके अंदरूनी हिस्सों में कुछ आश्चर्यजनक कलाकृतियां और अलंकरण थे। पांडव गुफाएं पचमढ़ी बस स्टेशन से 2 किमी दूर स्थित हैं। आप यहां पैदल भी जा सकते हैं और स्थानीय बस या जीप के माध्यम से भी।
धूपगढ़ पचमढ़ी आने वाले टूरिस्ट के लिए बेस्ट लोकेशन्स में से एक है। 1352 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह सतपुड़ा पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी है। सनसेट प्वॉइंट के नाम से मशहूर धूपगढ़ पर ढलते सूरज की सुरमयी, सिंदूरी शाम देखने टूरिस्ट की भीड़ उमड़ती है। पचमढ़ी से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धूपगढ़ पर पहुंचने के लिए टूरिस्ट जीप के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं।
पचमढ़ी का एक टूरिस्ट प्लेस है हांडी खोही, दो हरी-भरी विशाल पहाड़ियां जो 300 फीट गहरे V आकार में एक वैली का निर्माण करती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कभी झील हुआ करती थी। लेकिन एक विशाल सांप के प्रकोप के कारण ये झील सूख गई। लोगों की मान्यता है कि यह झील इस क्षेत्र की संरक्षक थी। यहां आने वाले टूरिस्ट लंबी पैदल यात्रा, घुड़सवारी और अन्य एक्टिविटीज का मजा भी लिया जा सकता है।
अगर आप एक पीसफुल और रोमांचक जगह की तलाश कर रहे हैं, तो महादेव हिल्स आपको बहुत पसंद आएगा। एक विशाल बलुआ पत्थर की पहाड़ी, 1,363 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ती है और टूरिस्ट को जंगलों और घाटियों में नजर आने वाली नेचुरल खूबसूरती का दीवाना बना देती हैं। यह एक प्राचीन शिव मंदिर भी है और कुछ गुफाओं के लिए भी फेमस है। पचमढ़ी से महादेव पहाड़ियों तक पहुंचने के लिए 33 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं कार से यात्रा करते समय करीब 53 मिनट लगते हैं।
पचमढ़ी में घूमने के लिए बेस्ट लोकेशन्स में से एक है डचेस फॉल्स या रानी गिरना। मुख्य सड़क से लगभग 4 किलोमीटर दूर डचेस फॉल टूरिस्ट को लुभाता है। सौ मीटर की ऊंचाई से गिरने वाला पानी का ये झरना नेचर लवर्स का खास ठिकाना भी है।
कई दिलचस्प टूरिस्ट प्लेसेज के लिए मशहूर पचमढ़ी की सतपुड़ा की विशाल पर्वतमाला सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान को चारों तरफ से सुरक्षित रखती है। वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए ये राष्ट्रीय उद्यान टूरिज्म को रोमांच से भर देता है। यहां आप प्रकृति को देखने के लिए सफारी पर भी जा सकते है अगर आप सौभाग्यशाली हैं, तो यहां आपको बाघ भी नजर आ सकते हैं। डेनवा नदी इसी राष्ट्रीय उद्यान के बीच से होकर बहती हैं। सफारी के दौरान टूरिस्ट को नदी के उस पार जरूर जाना चाहिए और उन्हें इसे कभी भी हाथियों या जिप्सी पर पार करना चाहिए। यह चार प्रमुख हवाई अड्डों से घिरा है, इसलिए पास के हवाई अड्डे के लिए सीधी उड़ान भी भर सकते हैं।
इन खास लोकेशन्स के अलावा आप यहां चौरागढ़ मंदिर, अप्सरा विहारी, बड़े महादेवी मंदिर, रीचगढ़, क्राइस्ट चर्च में भी घूम सकते हैं। इन खूबसूरत लोकेशन्स पर घूमकर कैमरा या फोटो क्लिक कर एक यादगार एल्बम जरूर तैयार करें जिसे आप डिजिटली तो तैयार करेंगे ही, उनकी प्रिंट भी जरूर निकाल लें।
जंगलों और पहाड़ों की ऊंचाई पर बसा पतमढ़ी ताजी हवा, हल्की जलवायु के लिए जाना जाता है। सर्दियों के इन दिनों में इस टूरिस्ट प्लेस की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। इस बीच पचमढ़ी महोत्सव टूरिस्ट का मजा और बढ़ा देता है। इन दिनों में यहां तापमान शून्य तक पहुंच जाता है। पेड़-पौधों और घास पर बर्फ की पतली चादर बिछ जाती है, जो आपको कश्मीर से कम नहीं लगती। अगर आपको सर्द मौसम परेशान नहीं करता तो आइए मध्य प्रदेश के मिनी कश्मीर में आपका स्वागत है…
Published on:
25 Dec 2024 04:11 pm
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