
MP New Liquor Policy: पार्टियों में जाम छलकाना महंगा पड़ सकता है। सरकार डे-परमिट की दरों में नई शर्ते जोड़कर बढ़ोतरी करने जा रही है। अभी तक परमिट 5 हजार से लेकर 10 हजार रुपए में मिलता है। अब ये परमिट पार्टियों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या और प्रतिदिन के आधार पर मिलेंगे। शुल्क की शुरुआत 25 हजार से होगी और 2 लाख तक रहेगी।
इसका प्रत्यक्ष असर तो परमिट लेने वालों पर ही पड़ेगा, पर अप्रत्यक्ष असर यह होगा कि लाइसेंस शुल्क का हवाला देकर होटल व मैरिज गार्डन मालिक किराया बढ़ा सकते हैं, व्यावसायिक या निजी पार्टी अरेंज करने वालों पर इसका सीधा असर होगा।
सरकार बार संचालकों को रियायत देने जा रही है। नई प्रस्तावित नीति के मुताबिक यदि बार संचालक अनुबंध के तहत शराब का उठाव नहीं करते हैं तो, पहले की तुलना में कम जुर्माना लगेगा। नई नीति में यूपी की शराब नीति के कई बिंदुओं को जगह मिल सकती है। नई शराब नीति समेत अन्य प्रस्तावों पर बुधवार को कैबिनेट बैठक में चर्चा हो सकती है। सहमति बनने के बाद ही सरकार इस दिशा में आगे बढ़ेगी।
नई शराब नीति में सरकार अहाते का विकल्प ला सकती है। शिवराज सरकार ने काफी विरोध के बाद अहाते बंद कर दिए थे। अहाते बंद हुए तो लोग दुकानों के सामने सड़क पर ही शराब पीने लगे, इस पर फिर आपत्तियां आ रही हैं। इसे देखते हुए सरकार अहातों की जगह नए विकल्प को नीति में शामिल कर सकती है। दुकानों के खुलने और बंद होने के समय पर विचार होना बाकी है।
दुकानों की ऑफसेट कीमत में 18 से लेकर 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार को 2600 से 3500 करोड़ का फायदा होगा।
किसी जिले में कुल दुकानों की ठेका कीमत 100 करोड़ है तो, जिले में नवीनीकरण तब तक नहीं होगा, जब तक 100 करोड़ में से 80 प्रतिशत के आवेदन प्राप्त न हो जाए। पहले यह सीमा 70 फीसद थी। शर्त पूरी नहीं हुई तो जिला ई-ऑक्शन में जाएगा।
इम्पोर्टेड शराब पर प्रति बोतल 750 रुपए बोतल फीस प्रभारित हो सकती है। फुटकर शराब विक्रेता को न्यूनतम ड्यूटी राशि में 600 रुपए प्रति बोतल के समायोजन का लाभ दिया जा सकता है।
देशी, विदेशी शराब की एमएसपी निर्धारण 1 रुपए के उच्चतर गुणांक और इम्पोर्टेड शराब का 10 रुपए के उच्चतर गुणांक में किया जाएगा।
बार संचालकों को रोज स्टॉक की जानकारी देनी होगी। पोर्टल बनाया जाएगा। जानकारी छुपाने वालों पर कार्रवाई होगी, कई गुना जुर्माना लगाया जाएगा।
शराब गोदामों में शराब रखने के पुराने सिस्टम को बदला जा सकता है। बायोमेट्रिक लॉकिंग सुविधा शुरू की जा सकती है।
इंटीग्रेडेट सप्लाई चेन बनाई जाएगी, जिसमें पता चलेगा कि शराब का स्टॉक कहां से चला, कहां पहुंचा। अभी कौन सा स्टॉक कहां का है, पता कर पाना मुश्किल है।
शराब की नगदी खरीदी और बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए दुकानों पर स्कैनर लगवाए जाएंगे, पीओएस मशीनें रखवाईं जाएंगी ताकि लेन-देन रिकार्ड में रहे।
Updated on:
15 Jan 2025 08:11 am
Published on:
15 Jan 2025 08:10 am
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