7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी में 6972 गोदाम संचालकों का 471 करोड़ का पेमेंट सरकार ने रोका, ये है वजह

MP News: गोदाम संचालकों पर आरोप है कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गेहूं की गोदामों में ठीक से सुरक्षा नहीं की, जिसके कारण कीड़े लग गए और गेहूं खराब होने लगा।

less than 1 minute read
Google source verification
MP News

MP News

MP News: प्रदेश में 10.64 लाख मीट्रिक टन गेहूं के अनफिट होने के मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई कर 6972 निजी गोदाम संचालकों के 471.96 करोड़ रुपए का भुगतान रोक दिया। कुछ को ब्लैकलिस्टेड करने की कार्यवाही भी की जा रही है। गोदाम संचालकों पर आरोप है कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गेहूं की गोदामों में ठीक से सुरक्षा नहीं की, जिसके कारण कीड़े लग गए और गेहूं खराब होने लगा।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने गेहूं के खराब होने के लिए उस भारतीय खाद्य निगम को भी जिमेदार ठहराया है, जिसके द्वारा वर्षवार खरीदे गेहूं में से खराब हुए गेहूं का ब्यौरा सरकार के सामने लाया गया था। आरोप लगाए कि एफसीआइ ने गोदामों से समय पर गेहूं का उठाव नहीं किया।

ये भी पढ़ें: Ladli Behna Yojana: सस्ते दाम पर मिलेगा गैस सिलेंडर ! लाड़ली बहनों की बल्ले-बल्ले


गोदामों में सड़ रहा गेंहू

यही नहीं, विभाग ने खुद के बचाव में बेमौसम बारिश व तूफान को भी जिमेदार ठहराया है। असल में 10.64 लाख मीट्रिक टन गेहूं प्रभावित हुआ है, इसमें से कुछ तो गोदामों में सड़ रहा है। इनमें कुछ क्विंटल गेहूं उचित मूल्य की दुकानों पर भी भेजा जा चुका है। पत्रिका ने इसका खुलासा किया था।

मंत्री ने दिए थे सत कार्रवाई के निर्देश

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने खराब गेहूं के लिए जिमेदारों के खिलाफ बीते सप्ताह सत कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद निजी गोदाम संचालकों के किराए की राशि का भुगतान रोका। हालांकि अनफिट व खराब गेहूं से सरकार को होने वाले हजारों करोड़ के नुकसान की भरपाई कौन करेगा, यह तय नहीं है। विशेषज्ञों की माने तो किराए की रोकी राशि गेहूं की कीमत के आगे कुछ भी नहीं है।