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एमपी में 80 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी होंगे बेरोजगार, हो सकता है बड़ा एक्शन!

MP News: सूत्रों के अनुसार, विभाग को भेजी जाने वाली जानकारी के बाद इन नियुक्तियों को अवैध मानकर खत्म किया जा सकता है। इससे बड़ी संख्या में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी बेरोजगार हो सकते है। कई दैवेभो तो सालों से काम कर रहे हैं।

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80000 daily wage workers in MP will be unemployed

80000 daily wage workers in MP will be unemployed (फोटो सोर्स : AI जेनरेटेड)

MP News: मध्यप्रदेश में साल 2000 से नगरीय निकायों में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों (दैवेभो) की नियुक्ति पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद निकायों ने दैवेभो की थोक में नियुक्तियां कर डाली। निकायों में 80 हजार के लगभग दैवेभो अलग-अलग जगह काम कर रहे हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने अब दैवेभो की नियुक्तियों पर रोक लगाने के साथ 28 मार्च 2000 के बाद नियुक्त दैवेभो की जानकारी 25 अक्टूबर तक निकायों से मांगी है। इसमें कर्मियों की संख्या के साथ ही नियुक्ति पूर्व सरकार से अनुमति और अब तक पारिश्रमिक भुगतान की जानकारी मांगी है। अंदेशा है कि इन कर्मचारियों को हटाया जा सकता है। इतना ही नहीं इन्हें नियुक्ति देने वाले तत्कालीन अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

बेरोजगार हो सकते है दैवेभो

सूत्रों के अनुसार, विभाग को भेजी जाने वाली जानकारी के बाद इन नियुक्तियों को अवैध मानकर खत्म किया जा सकता है। इससे बड़ी संख्या में दैवेभो बेरोजगार हो सकते है। कई दैवेभो तो सालों से काम कर रहे हैं।

निगम, मंडलों में भी प्रतिबंधित थी नियुक्तियां

विभाग के उप सचिव प्रमोद शुक्ला ने जारी आदेश में स्पष्ट लिखा है कि दैनिक वेतन पर किसी भी प्रकार की नियुक्ति पर पूरी तरह प्रतिबंध है। मार्च 2000 के आदेश का हवाला देते हुए कहा, यह प्रतिबंध सार्वजनिक उपक्रम, निगम, मंडल, नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण और अन्य सरकारी संस्थानों पर समान रूप से लागू होगा। इसके बावजूद दैनिक वेतन पर कर्मचारियों की नियुक्ति को सरकार के निर्देशों का उल्लंघन माना जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष ने कार्रवाई पर जताई आपत्ति

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नगरीय विकास विभाग की कार्रवाई पर प्रदेश के करीब 80,000 दैनिक वेतनभोगी और उनके परिवारों के भविष्य पर चिंता जताई। उन्होंने वैवेभो को निकालने का अंदेशा जता अपनी आपत्ति भी जताई।