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एमपी में जुड़ेंगे 9 जिले, प्रस्ताव को मिली है मंजूरी, अब आएगा बिल

MP News: मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित करने से जुड़ा मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन व विकास अधिनियम विधेयक-2025 विधानसभा के इसी सत्र में लाए जाएगा। इसके पास होने के बाद सबसे पहले भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाने का काम शुरू होगा।

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Bhopal Indore Metropolitan Region

Bhopal Indore Metropolitan Region (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News: मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित करने से जुड़ा मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन व विकास अधिनियम विधेयक-2025 विधानसभा के इसी सत्र में लाए जाएगा। इसके पास होने के बाद सबसे पहले भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन(Bhopal Indore Metropolitan Region) बनाने का काम शुरू होगा। भोपाल रीजन में भोपाल, सीहोर, रायेसन, विदिशा और राजगढ़ तो इंदौर, उज्जैन, देवास और धार को मिलाकर इंदौर मेट्रोपॉलिटन बनाएंगे। ये बातें सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कहीं। एक कार्यक्रम में सीएम ने कहा, इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास प्राथमिकता होगी। उद्योग-धंधे शुरू किए जाएंग।

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बड़े स्तर पर मिलेंगे रोजगार के अवसर

इससे बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। मुंबई, बैंगलूरु जैसे बड़े शहरों की तरह अलग-अलग हब विकसित करेंगे। इन क्षेत्रों के विकास के लिए 15 साल की कार्ययोजना बनेगी। यह काम मेट्रोपॉलिटन योजना(Bhopal Indore Metropolitan Region) समिति (एमपीसी) करेंगी। अफसरों को बिल संबंधी प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

मजदूरों को दिलाएंगे न्याय

सीएम ने कहा, इंदौर में हुकुमचंद मिल के मजदूरों को 300 करोड़ रुपए दिलवाए हैं। 30 साल पुराना विवाद खत्म हुआ है। रतलाम की सज्जन और ग्वालियर की मिल के लिए भी इसी तरह के प्रयास कर रहे हैं।

मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में शामिल होने की शर्तें

  • आबादी 10 लाख या अधिक।
  • ऐसे क्षेत्रों का दायरा एक से अधिक जिलों तक फैला हो।
  • इनमें कम से दो या अधिक नगर पालिका, पंचायतें या अन्य क्षेत्र शामिल होने चाहिए।

यह भी जानें

  • नगर विकास प्राधिकरण सीमा के बाहर शेष क्षेत्र में नियोजन व विकास का काम सीएम की अध्यक्षता वाला एमआरडीए करेगा।
  • ऐसे प्रोजेक्ट जो एक से अधिक विकास प्राधिकरण की सीमा क्षेत्र में विकसित होने हैं, उसका विकास एमआरडी करेगा।
  • विकास प्राधिकरणों से बाहर के काम एमआरडीए करेंगे। यह प्लान का प्रारूप बनाने में एमपीसी की मदद करेगा और प्राधिकरणों की सीमा क्षेत्र के बाहर बचे क्षेत्रों के नियोजन व विकास के काम करने होंगे, जो प्रोजेक्ट एक से अधिक प्राधिकरणों की सीमा में विकसित किए जाने हो, उन पर काम करना होगा।

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