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92 प्रतिशत शिक्षक ‘ई-अटेंडेंस’ में अनुपस्थित, शिक्षा विभाग के आदेश की ‘अनदेखी’

MP News: मध्यप्रदेश के सतना जिले में ई-अटेंडेंस की अनदेखी की जा रही है।

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फोटो- पत्रिका

MP News: मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा शुरु की गई ई-अटेंडेंस को लेकर मनमानी सामने आई है। नियमों का पालन केवल 80 प्रतिशत अध्यापक ही कर रहे हैं। नियमित शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस जरूरी नहीं है, लेकिन भविष्य में इसे अनिवार्य किया जाएगा। उनकी सैलरी भी उसी के आधार पर जारी की जाएगी।

दरअसल, सतना जिले में इसके बावजूद 85 प्रतिशत अतिथि शिक्षक भी ई-अटेंडेंस का उपयोग नहीं कर रहे हैं। 'हमारे शिक्षक ऐप' का इस्तेमाल कक्षा 1 से 12वीं के सभी अध्यापकों को करना है, जिसके कई फायदे हैं। ऑनलाइव अवकाश की सुविधा और अपनी समस्याएं सीधे व्यक्त करने का अवसर। हालांकि, शिक्षकों को डर है कि उनका वेतन कट सकता है। इसी कारण शिक्षक संगठनों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

क्या है विकासखंड़ों की स्थिति


मझगवां में 767, नागौद में 292, रामपुर बाघेलान में 404, सोहावल में 161 और उचेहरा में 283 अतिथि शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। सोमवार को 300 अतिथि शिक्षकों ने लॉगिन किया। वहीं, 223 अतिथि शिक्षकों ने लॉग आउट किया है। सबसे ज्यादा 100 ई-अटेंडेंस रामपुर बाघेलान क्षेत्र के अतिथि शिक्षकों ने लगाया है। दूसरे नंबर पर मझगवां के 96 शिक्षक हैं। इसी तरह उचेहरा के 55 और नागौद के 37 अतिथि शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज कराई है। जिला मुख्यालय वाले सोहावल में 12 अतिथि शिक्षकों ने ही नियमों का पालन किया है। 5 विकासखंडों में 1907 अतिथि शिक्षक हैं। ई-अटेंडेंस जरूरी होने के बाद भी 1607 अतिथि ई-अटेंडेंस नहीं लगा रहे हैं।

क्या हैं ई-अटेंडेंस के फायदे

ई-अटेंडेंस में ऑनलाइन अवकाश की व्यवस्था, शिक्षकीय समस्या दर्ज करने की सुविधा, मोबाइल लोकेशन सही नहीं से वेतन कट सकता है। फेस अटेंडेंस से अपराधों में रोकथाम, प्रशिक्षण में बाहर जाने पर वेतन कटने का डर नहीं, गलत अनुपस्थित करने का प्रमाण सहित कई अन्य फायदे हैं।

बता दें कि, सतना जिले के 5 विकासखंडों में 6969 शिक्षक तैनात हैं। मझगवां में 1320, नागौद में 1156, रामपुर बाघेलान में 1619, सोहावल में 1896 और उचेहरा में 978 शिक्षक। इसमें 6407 शिक्षक ई-अटेंडेंस नहीं लगा रहे हैं। 28 जुलाई की स्थिति में 538 शिक्षक ही ऐप के माध्यम से लॉगिन हुए। 305 ने लॉग आउट किया।