
mp news: अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) केवल खून की एक बूंद से कैंसर का पता लगा सकता है। यह अत्याधुनिक लिक्विड बायोप्सी तकनीक महंगे सीटी स्कैन या एमआरआई की आवश्यकता को समाप्त कर सकती है। जिससे कैंसर का निदान तेजी से, अधिक सटीक और व्यापक रूप से सुलभ हो जाएगा। यह जानकारी एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एम्स में शुक्रवार को हुई कार्यशाला के दौरान दी।
कार्यशाला में एआई आधारित सिस्टम का ट्रायल दिखाया गया। इनमें कोशिकाओं की अत्यंत स्पष्ट डिजिटल छवियां बनती हैं। तेजी स्कैनिंग और एआई खुद जांच रिपोर्ट का विश्लेषण करती हैं। बिना मैनुअल विधियों के सटीक परिणाम सामने आते हैं। जिससे तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप संभव करने में मदद मिलती है।
-- ऑप्ट्रास्कैन अल्ट्रा: यह बड़े प्रयोगशालाओं के लिए आदर्श है। एक बार में 80 से 480 स्लाइड स्कैन कर सकता है।
-- ऑप्ट्रास्कैन लाइट: यह छोटे प्रयोगशालाओं के लिए डिजाइन किया गया है। जिसकी क्षमता 15 स्लाइड तक है।
एम्स निदेशक डॉ. सिंह ने कहा कि यह बिना लक्षण वाले मरीजों में भी कैंसर का पता लगा सकती है। इससे दूर-दराज और पिछड़े क्षेत्रों में अनगिनत जानें बचा सकते हैं। यह तकनीक मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करके कैंसर की सटीक पहचान करने में मदद करती है। आनुवंशिक एवं जीवनशैली के आधार पर कैंसर के जोखिम का अनुमान भी लगाती है।
Updated on:
21 Feb 2025 10:23 pm
Published on:
21 Feb 2025 10:18 pm
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