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आउटसोर्स कर्मचारियों समेत आठ संगठनों ने भरी हुंकार, मांगों को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे

MP News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आउटसोर्स कर्मचारियों समेत कई कर्मचारी संगठनों ने बड़ा प्रदर्शन किया।

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MP News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आउटसोर्स कर्मचारियों समेत कई कर्मचारी संगठनों ने तुलसी नगर स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर पार्क में एकजुट होकर बड़ा प्रदर्शन किया। इस आंदोलन को महाक्रांति रैली नाम दिया गया है। कर्मचारियों की मांग है कि सभी कर्मचारियों को एकसमान वेतन दिया जाए।

सरकारी सेक्टर को ठेकेदारों और आउटसोर्स के हवाले किया

संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष का कहना है कि पूरे सरकारी सेक्टरों को ठेकेदारों और आउटसोर्स कंपनियों के हवाले कर दिया गया है। क्लास 3 और क्लास 4 जैसे पदों पर सबसे ज्यादा सरकारी नौकरियां होती थीं, लेकिन सभी कर्मचारियों को अब आउटसोर्स कर दिया गया है। ये आंदोलन किसी एक वर्ग का नहीं बल्कि प्रदेश के उन कर्मचारियों की आवाज है। जो सालों से रोजगार और आर्थिक व्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं।

हाईकोर्ट का रूख कर सकता है संयुक्त मोर्चा

संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि 19 जनवरी को हम सभी लोग एकत्रित होकर हाईकोर्ट में पीआईएल दायर करेंगे। हम कर्मचारियों के समान काम और वेतन का अधिकार जरूर दिलाएंगे। जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, सभी कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए। प्रदेश में न्यूनतम वेतन सबसे कम है। जिसको बढ़ाकर 21 हजार रुपए प्रति महीना किया जाना चाहिए।

ये हैं प्रमुख मांगे

कर्मचारी संगठनों के द्वारा सभी अस्थायी, आउटसोर्स, अंशकालीन और संविदा कर्मचारियों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की मांग की गई है। ऐसे ही वेतन नीति को तत्काल लागू किया जाए या न्यूनतम 21,000 रुपए मासिक वेतन दिया जाए, नौकरियों में ठेका और कांन्ट्रैक्टुअल बेस को पूरी तरह से समाप्त किया जाए। बैंक मित्रों को बैंक से जोड़कर नियमित वेतन और राजस्व सर्वेयर के लिए मासिक वेतनमान तय करके नियमित रोजगार की व्यवस्था की जाए।

2 साल बाद मिली आंदोलन की अनुमति

बीते कई सालों से कर्मचारियों के द्वारा आंदोलन के लिए अनुमति मांगी जा रही थी। इस बार भोपाल पुलिस ने दो साल अनुमति प्रदान की है। इससे पहले साल 2023 में प्रदर्शन के लिए अनुमति दी गई थी।