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MP News: नवरात्र में कई लोग लगातार उपवास पर रहेंगे। डॉक्टरों ने उपवास रहने वालों के लिए सावधानी बरतने को कहा है। खासकर डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से पीडि़त लोगों को ज्यादा सतर्क रहना होगा, क्योंकि दिन में आठ घंटे से कम भोजन करना यानी 16 घंटे का इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF) हृदय के लिए घातक हो सकता है। लगातार उपवास से शरीर अपना प्रोटीन जलाने लगता है। यही वजह है कि हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बृजेश श्रीवास्तव के अनुसार सप्ताह में दो दिन अल्पकालिक उपवास से शरीर के अंगों को आराम मिलता है। यह विज्ञान संगत है। उपवास का अर्थ अनाज न खाना है। इसकी जगह फल-तरल पदार्थ लेना चाहिए। इससे शरीर डीटॉक्सिफाई होता है।
हमीदिया अस्पतालभोपालके कार्डियो सर्जन डॉ. प्रवीण शर्मा का कहना है, इंटरमिटेंट फास्टिंग का असर हर किसी पर अलग-अलग होता है। लंबे समय तक उपवास करना और निरंतर रखना जोखिम भरा हो सकता है। लगातार उपवास हमेशा चिकित्सकीय निगरानी में करना चाहिए।
चीन की जियाओ टोंग यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में हुए 19 हजार वयस्कों पर शोध के नतीजों में 12-14 घंटे खाने वालों की तुलना में 8 घंटे से कम खाने वालों में हृदय और रक्तवाहिका रोगों से मौत का खतरा दोगुना पाया गया।
महिलाएं महीने में कम से कम एक दिन के उपवास पर रहती ही हैं। ऐसे में शरीर अभ्यस्त होता है, लेकिन आजकल की पीढ़ी के लिए परिस्थितियां भिन्न हैं।
- डॉ. गिरिराज गर्ग, कार्डियो सर्जन
Published on:
24 Sept 2025 09:26 am
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