अपनों को दूसरा समझेंगे तो संघर्ष निश्चित है
आगे राज्यपाल ने कहा कि रंग, बोली, भाषा, संस्कृति के आधार पर हम अलग-अलग हो सकते हैं। जबकि प्रत्येक व्यक्ति के अंदर परमात्मा के अस्तित्व को स्वीकार कर लेंगे तो पाएंगे कि सभी आत्माओं के अंदर परमात्मा का निवास है, जो एक है। तब हम किसी के पैर पर पैर रखने से भी बचेंगे। इससे अलग जब अपनों को दूसरा समझेंगे तो संघर्ष की स्थिति बनेगी।
जिलों के विजन डॉक्यूमेंट बनाना चाहिए
इधर, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि विकसित राष्ट्र बनाने का भारत का मौजूदा लक्ष्य फिर से विश्व अर्थव्यवस्था में 16% की हिस्सेदारी हासिल करना है। इसमें केंद्र सरकारों से ज्यादा भूमिका राज्यों की होगी। हमारे यहां जिलों की आबादी ही औसतन 30 लाख की है, दुनिया में इससे कम आबादी के भी कई देश हैं। हर जिले के डेवलपमेंट का विजन डॉक्यूमेंट बनाकर काम करना होगा।