
Pithampur Economic Corridor (फोटो सोर्स : पत्रिका)
MP News:भोपाल प्रदेश में औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉपॅर्पोरेशन ने फाइनल ले-आउट जारी कर दिया है। इसमें कमर्शियल, इंडस्ट्रियल के साथ आवासीय और मिक्स लैंडयूज का प्रावधान किया गया है। ले-आउट के अनुसार कमर्शियल गतिविधियों के लिए सबसे ज्यादा 33 प्रतिशत जमीन आरक्षित की गई है। औद्योगिक गतिविधियों के लिए कुल जमीन में से महज 0.90 प्रतिशत जमीन ही दी गई है। यहां केवल प्रदूषण नहीं फैलाने वाले ग्रीन उद्योग ही संचालित होंगे। हालांकि पर्यावरण की दृष्टि से ग्रीनरी, पार्क आदि के लिए भी केवल 5.73 प्रतिशत क्षेत्र रखा गया है। जबकि पीथमपुर में पहले से ही आबोहवा बिगड़ी हुई है।
इंदौर से पीथमपुर के बीच प्रस्तावित 19.60 किलोमीटर लंबे इस कॉरीडोर(Indore Pithampur Economic Corridor) के लिए जमीन की पूलिंग भी शुरू कर दी है। अभी तक 250 एकड़ से अधिक जमीन के सहमति पत्र एमपीआइडीसी के पास पहुंचे हैं। अधिकारियों के अनुसार इस इकोनॉमिक कॉरिडोर पर सभी प्रकार की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इससे यहां अपना व्यवसाय या उद्योग संचालित करने वालों को कहीं भी बाहर नहीं जाना पड़ेगा। रीक्रिएशनल गतिविधियों के लिए जो 67 हेक्टेयर यानी 5.73 प्रतिशत क्षेत्र आरक्षित किया गया है। यहां पर पार्क, गार्डन, सिटी फॉरेस्ट, रीजनल पार्क, स्टेडियम, प्ले ग्राउंड, वाटर फ्रंट आदि विकसित किए जाएंगे। विभाग कॉरीडोर को ईको-फ्रेंडली बना रहा है, जिससे व्यवसायिक गतिविधियों के साथ पर्यावरण सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाए।
कॉरिडोर में एफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए लगभग 9 हेक्टयर जमीन तय की गई है। इससे यहां पर सस्ते आवास बनाए जा सकेंगे। इससे यहां काम करने वाले कर्मचारी आसानी से यहीं पर रह सकेंगे। उनके लिए यहां अस्पताल और स्कूल के साथ कम्युनिटी सुविधाएं भी होंगी।
ले-आउट में यहां पर फायर स्टेशन, पुलिस स्टेशन, जरूरी सामान की दुकानों के साथ श्रमिक कल्याण केन्द्र की भी व्यवस्था की गई है। इससे श्रमिकों को यहीं पर विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ मिलने के साथ अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
इंदौर- पीथमपुर इकोनोमिक कॉरिडोर(Indore Pithampur Economic Corridor) का फाइनल ले-आउट जारी कर दिया गया है। यहां पर लैंड पूलिंग भी शुरू हो गई है। लैंड पूलिंग एक्ट के तहत 50 प्रतिशत जमीन उसके मालिकों को लौटाने का प्रावधान है। लेकिन इस कॉरीडोर के लिए मुख्यमंत्री ने कुल विकसित जमीन का 60 प्रतिशत किसानों को आवंटित करने की घोषणा की है। उसी के अनुसार काम आगे बढ़ाया जा रहा है। इस कॉरीडोर से कमर्शियल और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।- चंद्रमौली शुक्ला, एमडी, एमपीआइडीसी
Updated on:
29 Aug 2025 02:40 pm
Published on:
28 Aug 2025 08:30 am
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