
भोपाल का 90 डिग्री वाला ब्रिज। फोटो- ANI
MP News:भोपाल में इंजीनियरिंग तकनीक पर बट्टा लगा ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज को 90 डिग्री पर मोड़ने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया, जहां ठेकेदार को कोर्ट से राहत मिल गई है। बता दें कि, ओवरब्रिज के ठेकेदार ने अपनी फर्म को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। ठेकेदार मेसर्स पुनीत चड्ढा ने कहा है, पूरी गलती विभागीय अफसरों की है। अधिवक्ता प्रवीण दुबे ने दलील दी कि पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने जैसी डिजाइन दी, उसी अधार पर आरओबी(Bhopal 90 degree overbridge) बनाई। ऐसे में निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करना गलत है। उच्चस्तरीय जांच में दोषी अफसरों को सजा भी मिल चुकी है। ठेका कंपनी को दोष देना अनुचित है।
प्रारंभिक सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के आदेश के परिप्रेक्ष्य में कोई भी कठोर कार्रवाई करने पर रोक लगा दी। मौलाना अब्दुल कलाम आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) के डायरेक्टर को निर्देश दिए कि ओवरब्रिज की जांच वरिष्ठ प्रोफेसर से कराएं। 10 सितंबर को रिपोर्ट तलब की है।
राज्य सरकार की ओर से दोषी अफसरों पर की गई कारवाई का रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने असलियत का पता लगाने के लिए मैनिट भोपाल के डायरेक्टर को निर्देशित किया- सीनियर प्रोफेसर से आरओबी की जांच कराई जाए। इस पर खर्च आने वाला एक लाख रुपए अभी ठेकेदार उठाएगा। मैन पावर की कमी पूरी करने नगर निगम भोपाल को निर्देशित किया।
Published on:
27 Aug 2025 09:13 am
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